आवाज़ ए हिमाचल
27 मार्च।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अभी हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है। लोग कोरोना से बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन करें। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर एहतियात से ही अंकुश लगाया जा सकता है। एक साल बाद भी देश और प्रदेश में कोरोना का कहर थमा नहीं है। अगर फिर से लॉकडाउन लगता है तो इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।सीएम श्री नयनादेवी जी विधानसभा क्षेत्र के स्वारघाट में पंचायत प्रतिनिधि सम्मान समारोह में संबोधित कर रहे थे। कहा कि तीन साल के कार्यकाल में उन्होंने वह सब योजनाएं शुरू कीं, जिनके बारे में कांग्रेस ने 50 साल के कार्यकाल में कभी सोचा भी नहीं था। सीएम हेल्पलाइन, गृहिणी सुविधा योजना से लेकर हिमकेयर योजना से हर परिवार को लाभ मिला है। सरकार बनने के बाद एक साल लॉकडाउन में निकल गया। कोरोना का कहर एक साल बाद भी नहीं थमा है।
कोविड काल में मोदी सरकार ने 500 वेंटिलेटर प्रदेश को दिए। अब सबसे बड़ा वैक्सीन अभियान चल रहा है। कोविड काल में प्रदेश सरकार ने 42 विस क्षेत्रों में 3500 करोड़ के वर्चुअल शिलान्यास किए। देश और प्रदेश की जनता ने भाजपा की नीतियों और कार्यशैली को अपनाया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने भी पंचायत चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की थी। विधानसभा बजट सत्र में कांग्रेस ने जो व्यवहार राज्यपाल के साथ किया, वह सभी जानते हैं।
पुस्तकालय भी चार अप्रैल तक बंद, स्टाफ का आना अनिवार्य
उधर, च्च शिक्षा निदेशालय के तहत आने वाले राज्य पुस्तकालय, जिला पुस्तकालय सहित अन्य सभी पुस्तकालय भी चार अप्रैल तक बंद रहेंगे। शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से इस बाबत शनिवार को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पुस्तकालय के स्टाफ को हालांकि अवकाश नहीं रहेगा। सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य तौर पर आना होगा। उधर, राज्य सरकार के फैसले के बाद शिक्षा निदेशालय ने भी चार अप्रैल तक हिमाचल में सभी शिक्षण संस्थानों को विद्यार्थियों के लिए बंद रखने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। शिक्षकों और गैर शिक्षकों को इस दौरान नियमित तौर पर आना होगा।