आवाज़ ए हिमाचल
धर्मशाला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को धर्मशाला में जिला कांगड़ा को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए कार्यांवित की जा रही पर्यटन और अन्य प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कांगड़ा जिला में जल, साहसिक, धार्मिक और स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा दे रही है और इससे संबंधित आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए लगभग 3000 करोड़ व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए हवाई संपर्क आवश्यक है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार और रक्कड़ तथा पालमपुर में हेलिपोर्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा ज्वालामुखी में भी धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से हेलिपोर्ट बनाया जाएगा। सीएम ने कहा कि यहां पर हैंगर हेलिपोर्ट होगा, जिसमें तीन से चार हेलिकॉप्टर खड़े भी रहेंगे। पवन हंस कंपनी को डीपीआर बनाने के लिए भी कह दिया है।
वहीं, मुख्यमंत्री ने परियोजनाओं को समय सीमा के भीतर पूरा करने और एफसीए और एफआरए की मंजूरियों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रक्कड़ और पालमपुर में हेलिपोर्ट के विकास के लिए साइटों की पहचान कर ली गई है। रक्कड़ हेलीपोर्ट की अनुमानित लागत 6.66 करोड़ रुपए और पालमपुर हेलिपोर्ट की नौ करोड़ रुपए है। मुख्यमंत्री ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ज्वालामुखी में हेलिपोर्ट के लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विकास कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि मटौर-शिमला और पठानकोट-मंडी राजमार्गों को सुविधाजनक बनाने के लिए पांच मीटर की मध्यम चौड़ाई के साथ चार लेन तक विस्तारित किया जाएगा।