Budget 2024-25: रोजगार, मध्यम वर्ग पर केंद्रित है यह आम बजट: वित्त मंत्री

Spread the love

आवाज ए हिमाचल

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि आम बजट 2024-25 रोज़गार, मध्यम वर्ग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और कौशल प्रशिक्षण पर केन्द्रित है और इन्हें चार जातियों -गरीब, महिला, युवा एवं किसान पर फोकस किया गया है। वित्त मंत्री ने लोकसभा में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए कहा कि भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना विश्वास दोहराया है और उनके नेतृत्व में इसे ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना है। वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद, भारत की आर्थिक वृद्धि एक चमकदार अपवाद बनी हुई है, और आने वाले वर्षों में भी ऐसी ही बनी रहेगी।

 

उन्होंने कहा कि इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल प्रशिक्षण, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। जैसा कि अंतरिम बजट में बताया गया है, हमारा फोकस चार प्रमुख जातियों -गरीब, महिला, युवा, किसान पर होगा। निर्मला सीतारमण ने देश के चतुर्दिक समृद्धि एवं सशक्त विकास का पथ के नौ बिन्दुओं की चर्चा करते हुए कहा कि ये बिन्दु – कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन, रोजगार एवं कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवाएँ, शहरी विकास, ऊर्जा संरक्षण, अवसंरचना, नवाचार, अनुसंधान एवं विकास तथा नई पीढ़ी के सुधार हैं।

 

वित्त मंत्री ने कहा, “मुझे पांच योजनाओं के प्रधान मंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है, और पांच साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा प्रदान करने की पहल की गई है, जिसका केंद्रीय परिव्यय दो लाख करोड़ रुपए है। इस वर्ष, मैंने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।”

 

उन्होंने कहा कि किसानों के लिए, हमने सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है, जो लागत से कम से कम 50 फीसदी मार्जिन के वादे को पूरा करता है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी शानदार अपवाद बनी हुई है और आने वाले वर्षों में भी ऐसी ही रहेगी। भारत की मुद्रास्फीति कम और स्थिर बनी हुई है तथा चार प्रतिशत के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। मुख्य मुद्रास्फीति, यानी गैर-खाद्य और गैर-ईंधन, वर्तमान में 3.1 प्रतिशत है। यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं कि जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं की आपूर्ति बाजारों तक त्वरित एवं पर्याप्त रूप से सुनिश्चित हो।

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *