आवाज़ ए हिमाचल
परवाणु। आखिर एक बार फिर परवाणु प्रशासन व सम्बंधित विभागों की नाक के नीचे अवैध मिट्टी डंप के गोरख धंधे को शरेआम करने वाले लोगों ने परवाणु प्रशासन एवं संबंधित विभागों को फिर नीचा साबित कर दिया। रविवार देर रात कई निजी प्लॉटों पर की जा रही खनन की गई मिट्टी के टिप्पर एवं ट्रेक्टर भर भरकर सेक्टर तीन और सेक्टर छे के बीच पड़ने वाले नाले में धड़ा धड़ गिराए गए और प्रशासन सोता रहा।
बीते कई वर्षों से सेक्टर 6 और 3 में पड़ने वाले नाले में अवैध मिट्टी डंपिंग करने के चलाए गए गोरख धंधे पर तो प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ ही रहे थे लेकिन अब प्रशासन की नियत पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। या तो विभाग कार्य करने में नाकाम हो गए है या तो मामला कुछ और ही है। अब दाल में कुछ काला है या पूरी दाल ही काली है ये जांच का विषय है। आखिर वो कौन लोग हैं जो अवैध मिट्टी डंप करने वाले गोरख धंधे को शरेआम कर रहे है और चंद पैसों के चक्कर में मासूम ग्रामीणों के जीवन से खिलवाड़ करते हैं।
अवैध मिट्टी के कारण पूरा नाला बंद
वहीं सेक्टर तीन के नाले में आए दिन गिराई जा रही अवैध मिट्टी के कारण पूरा नाला बंद हो गया है पता नहीं कौन सी बरसात में उक्त नाले में पानी का तांडव होगा जो कामली निवासियों और कामली रोड़ पर बने एक पुल को बहा कर ले जाए और यदि ऐसा हुआ तो जो नज़ारा पिछली बरसातों में देखने को मिला था जब कामली ग्रामीण क्षेत्र को परवाणु से जोड़ने वाला छोटा पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। इस बार पिछली बार से भी ज़्यादा भयानक मंज़र देखने को मिलेगा।
अब इस धंधे पर कौन अंकुश लगाता है ये तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सेक्टर 6 और सेक्टर 3 के नाले में अवैध मिट्टी डंप किए जाने के कारण कोई बड़ा हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। इसमें प्रशासन को भी एक वैध मिट्टी डंप साइट बनाने की आवश्यकता है, ताकि वैध स्थान पर मिट्टी डंप की जा सके जिससे किसी की जान और माल को कोई हानी ना उठानी पड़े।