आवाज ए हिमाचल
25 जनवरी: शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय निकाय के चुनावी अखाड़े में उतरे भाजपा के कई शेर मैदान-ए-जंग में ढ़ेर हो गए हैं । इस चुनाव में अनेकों को मुंह की खानी पड़ी है । स्वयं को बड़ा धुरन्धर समझने वालों को यह चुनाव रास नहीं आया तथा उन्हें धराशाही होते पता ही नहीं चला कि आखिर यह क्या हो गया ।
चुनाव में कईयों को अपनों ने घसीटा तो कईयों पर उनका व्यवहार ही चुनौती बनकर टूट पड़ा और चुनावी समर में बुरी तरह पिट गए । मतदाता भी गरज-गरज कर बरसने के बजाय बड़ी खामोशी से बरसे, जिसका आभास ही उम्मीदवारों को मतगणना के बाद हुआ ।
मतदाता मंत्री को शायद सबक सिखाने पर ही उतारू थे, यही कारण रहा कि मंत्री के अनेकों करीबियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया । इससे कांग्रेस को सीधा लाभ पहुंचा ।
चुनाव में अहम बात यह अहम रही कि सत्ता पक्ष न मतदाताओं को लुभा पाया और न ही झुका पाया जिस कारण स्वयं को असहाय पा रहा है । कुल मिलाकर स्थानीय निकाय के इस चुनाव में मतदाताओं ने सत्ता पक्ष को बतला दिया है कि तोर तरीके बदलो अन्यथा 2022 की चुनावी राह आसान नहीं होगी । भाजपा मंत्री के अंग-संग रहने वाले कई स्थानीय नेताओं को मतदाताओं ने नकारा तो यहां से कांग्रेस प्रत्याशी रहे नेता के करीबी माने जाने वालों को भी हार का मुंह देखना पड़ा है ।
नगर पंचायत शाहपुर के चुनाव में भाजपा विधायक व मंत्री सरवीण चौधरी के अपने वार्ड में भाजपा समर्थित उम्मीदवार की हार हुई तो बाद में पंचायत चुनाव में उनके कई सिपहसलार औंधे मुंह गिर गए। नगर पंचायत शाहपुर में भी सरवीण विरोधी भाजपा नेता की पत्नी कांग्रेस के सहयोग से अध्यक्ष पद पर काविज हो गई जिसने सत्तापक्ष को अंदर तक झकझोर दिया । सरवीण के नजदीकियों में भाजपा के जिला कांगड़ा उपाध्यक्ष अश्वनी शास्त्री, भाजपा जिला कांगड़ा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष गुरमीत सिंह, भाजपा नेत्री व पूर्व ब्लाक समिति अध्यक्ष अंजू बाला, भाजपा शाहपुर मण्डल पंचायती राज प्रकोष्ठ के संयोजक व ब्लाक समिति रैत के अध्यक्ष विजय कुमार की माता, भाजपा नेता और ब्लाक समिति के पूर्व अध्यक्ष अश्वनी चौधरी, भाजपा की पूर्व राज्य सचिव नैनों देवी, जिला महिला मोर्चा की सचिव अरुणा सहित मंत्री के कई प्रमुख करीबियों को हार झेलनी पड़ी है । कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष अश्वनी चौधरी को नगर पंचायत के चुनाव में मतदाताओं ने नकार दिया तो कांग्रेस के ही ब्लाक सचिव अक्षय अत्री भी ब्लॉक समिति में अपनी पत्नी को नहीं जिता पाए । कांग्रेस के कर्ण परमार पिंटू व लालमन भी इस चुनाव मे पिछड़ गए तथा मतदाताओं की पसन्द नहीं बन पाए ।
जिला परिषद के चुनाव में शाहपुर की मंझग्रां, चडी तथा भतल्ला वार्ड से कांग्रेस ने जीत दर्ज की तो भड़ियाडा वार्ड से कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले युवा भाजपाई पंकु विजयी रहे परन्तु इस वार्ड में सरवीण चौधरी के प्रत्याशी ब्लॉक समिति रैत के पूर्व अध्यक्ष अश्वनी चौधरी बुरी तरह पिट गए तथा एक हजार मतों का आंकड़ा भी नहीं छू पाए । जिप के मंझग्रां वार्ड में भी भाजपा की प्रत्याशी चौथे स्थान पर रही । चडी वार्ड में भी भाजपा की स्तिथि सुखद नहीं रही तथा यहां से मंत्री के करीबी गुरमीत सिंह काफी नीचे लुढ़क गए ।