आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
24 जून।हम सभी ने अपने जीवन में ध्यान की अवस्था को महसूस किया है,जिन क्षणों में हम बेहद खुश हुए हैं या फिर जिन क्षणों में हम किसी काम में तल्लीनता से डूबे हुए हैं।ऐसे क्षणों में हमारा मन हल्का और आराम देह प्रतीत होता है।हालांकि हम सब ने ऐसे क्षणों को अनुभव किया है, लेकिन हम उन्हें अपनी मर्जी से दोबारा अनुभव नहीं कर पाते। सहज समाधि कार्यक्रम आपको यही सिखाता है। यह बात आर्ट ऑफ लिविंग के टीचर सैंसी शर्मा ने बिलासपुर में आयोजित सहज समाधि ध्यान शिविर के समापन पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी द्वारा ध्यान करने की यह अनूठी तकनीक का निर्माण किया गया है। इसके अभ्यास से मानव तुरंत ही तनाव और परेशानियों से ऊपर उठकर असीम शांति का अनुभव करता है। और शरीर में स्फूर्ति आती है। उन्होंने बताया कि सहज एक संस्कृत का शब्द है जिसका आर्थिक है प्राकृतिक या जो बिना किसी प्रयास के किया जाए। समाधि एक गहरी आनंद मयी और ध्यानस्थ अवस्था है अतः सहज समाधि वह सरल प्रक्रिया है,जिसके माध्यम से हम आसानी से ध्यान कर सकते हैं। ध्यान करने से सक्रिय मन शांत होता है और स्वयं में स्थिरता आती है। जब मन स्थिर होता है तब उसके सभी तनाव छूट जाते हैं जिससे हम स्वस्थ और आनंदित महसूस करते हैं । आर्ट ऑफ लिविंग के जिला बिलासपुर मीडिया कोर्डिनेटर अरुण डोगरा रीतू ने बताया कि इस शिविर में 30 साधकों ने भाग लिया और इसका आयोजन जल शक्ति विभाग के विश्राम गृह में किया गया। इस शिविर में भाग लेने वाले सभी साधकों के अनुभव अद्वितीय थे।