आवाज़ ए हिमाचल
यशपाल ठाकुर,परवाणू
05 मई।परवाणू में इन दिनों पानी का बड़ा संकट मंडराया हुआ है,लोगों के पास पीने तक को पानी नहीं है।लोग इतने मजबूर हो गए है की साथ लगते हरियाणा राज्य से महंगे पानी के टेंकर मंगवा कर गुज़ारा करने को मजबूर हैं। वहीं जो टेंकर अधिकतर 700 तक की कीमत मद आते थे,वे अब 1200 से 1500 चार्ज कर रहे हैं। महंगे भाव से टेंकर में सप्लाई देने वाले आज जनता की मजबूरी में कमाई का अवसर ढूंढ रहे हैं।इसमें यह भी बात निकल कर आती है की जो तो अमीर तबका हैं उसे तो महंगे पानी की सप्लाई लेने में कोई परेशानी नहीं है,लेकिन गाज तो गरीब तबके पर पड़ी हैं, जिन्हें पानी पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है।उधर, टकसाल पंचायत की वार्ड सदस्य निशा देवी ने कहा कि पानी की स्थिति अब भी नहीं सुधरी है,अब भी पानी लगभग 10 से 15 दिनों के बीच आ रहा है | निशा देवी ने कहा की वर्षों से पानी की परेशानी टकसाल वार्ड 12 को झेलनी पडती है,आखिर क्यों सरकार प्रशासन व विभाग इस समस्या का निवारण नहीं करते।निशा देवी ने सरकार व प्रशासन से पानी की समस्या को दरुस्त करने की अपील की है।देवेंद्र शर्मा ने कहा कि परवाणू वासियों को कई दिनों से पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। पानी ना मिलने से उन्हें पानी के टेंकर मांगवाने पड़ रहे है,जो उनकी मज़बूरी में मोटी रकम वसूल कर रहे है।देवेंद्र शर्मा ने कहा कि हिमुडा द्वारा बीते कई दिनों से गंदा पानी पिलाया जा रहा था, जिस कारण परवाणू में सेंकड़ों डायरिया के मामले निकल कर आए।अतुल ठाकुर ने कहा कि पर्याप्त रूप से पानी ना मिलना सरकार एवं विभागों का फेलियर दर्शाता है।अतुल ने कहा कि यदि सरकार स्वच्छ पानी की पर्याप्त सुविधा नहीं दे सकती है,तो उनके कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं। केंटीन व्यवसाई कश्मीर चंद ने कहा कि परवाणू में कई दिनों से डायरिया फैला है,जिस का पूरा श्रेय सरकार, प्रशासन व सम्बंधित विभागों को जाता है, जो जनता को साफ सुथरा पानी तक मुहैया नहीं करवा पा रहे तो उन्हें कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं। पवन कुमार ने पानी की समस्या पर कहा कि परवाणू में जो पानी की सप्लाई दी जा रही है,उस जगह लोग कपडे धोते है। इतना ही नहीं कामली स्थित कौशलया नदी के साथ बने झूगी झोंपड़ी वाले मल मूत्र भी नदी के किनारे करते है, जिस कारण पानी में गांधी फैलती है तथा लोग बीमार हो रहे है।
महेन्द्र सिंह ने कहा कि पानी मुहैया करवाने की जिम्मेदारी हिमुडा की है, फिर चाहे विभाग लाइनों की सप्लाई से पानी उपलब्ध करवाए चाहे पानी के टेंकरों के माध्यम से।महेन्द्र सिंह ने कहा कि पहले तो गंदा पानी पिलाया जा रहा था,लेकिन अब पानी ही नहीं मिल रहा है जिस से हम सभी लोग परेशान हैं।