आवाज ए हिमाचल
23 जनवरी। तकनीकी कर्मचारी संघ बिजली बोर्ड के निजीकरण का हमेशा से विरोध करता आया है। संघ ने इस संदर्भ में भारतीय मजदूर संघ व अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के माध्यम से प्रधानमंत्री व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को पूरे देश में जिलाधीशों के माध्यम से ज्ञापन भेजे हैं व आगे भी तकनीकी कर्मचारी संघ भारतीय मजदूर संघ व अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के दिशा-निर्देशों पर इसका कड़ा विरोध करेगा। ये शब्द हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दुनी चंद ठाकुर और महामंत्री नेक राम ठाकुर ने कहे। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ इस विषय को भारत सरकार से निरंतर संपर्क में है व इसके समाधान के लिए प्रयासरत है। जहां तक हिमाचल प्रदेश का सवाल है, तो यहां तो 2010 में जो समझौता कर्मचारी संगठनों व सरकार ने किया था, उसमें स्पष्ट है कि बिजली बोर्ड का निजीकरण नहीं किया जाएगा।
बावजूद इसके उसमें भी प्रदेश सरकार ने उस समझौते का उल्लंघन किया है। इस पर उन्होंने प्रदेश सरकार से भी अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है व अगर हिमाचल सरकार प्रदेश में भी निजीकरण करेगी, तो तकनीकी कर्मचारी संघ इसका डटकर विरोध करेगा। इसके लिए सड़कों में भी उतरना पड़ेगा, उससे भी गुरेज नहीं किया जाएगा। संघ के प्रदेश महामंत्री नेक राम ठाकुर ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से आग्रह किया है कि सर्विस कमेटी की बैठक करने के आदेश बोर्ड प्रबंधन को दें, ताकि तकनीकी कर्मचारियों के मसलों का समय से निराकरण हो। उन्होंने बोर्ड के कुछ अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे तकनीकी कर्मचारियों के जायज मसलों को समय पर जानबूझ के नहीं कर रहे हैं।