आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
13 अप्रैल।उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल ऋषि मार्कंडेय में ब्रह्म मुहर्त में करीब 12000 श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया बैशाखी के अवसर पर हर साल यह्न पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है इस तीर्थ स्थल में साल भर श्रद्धलुओं का आना जाना लगा रहता है लेकिन बैशाखी के अवसर पर यहाँ पर स्नान का लग ही महत्व है मान्यता के अनुसार चार धाम की यात्रा यह्न पर स्नान करने के बाद ही सम्पूर्ण मानी जाती है इस मेले में जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्याप्त इंतजाम किये है मेले में व्यवस्था के लिए चिकित्सा, सुरक्षा के लिए पुलिस की व्यवस्था , पार्किंग व सफाई आदि का पूरा प्रबन्ध किया गया है मंदिर प्रशाशन द्वारा व स्वंसेवी संस्थाओं द्वारा बिलसपुरी धाम , मिठाई ,चने कुलचे आदि के लंगर लगाए गए है मेले का समापन रविवार को कुश्ती के आयोजन के साथ होगा ऋषि मार्कन्डेय को चिरंजीवी होने का वरदान मिला है पौराणिक मान्यता के अनुसार मृकण्डु ऋषि की घोर तपस्या के बाद भगवान शिब ने पुत्र रतन का वरदान दिया लेकिन वरदान केसाथ उन्होंने पुत्र के अल्पायु होने का जिक्र किया ज्यों -2 पुत्र की आयु बढ़ती गई पिता चिंता ग्रस्त रहने लगे बालक मार्कन्डेय कुशाग्र बुद्धि के साथ पितृ भगत भी थे उन्होंने अपने पिता के मन को कुरेदकर चिंता का करना जान लिया इस चिंता की मुक्ति के लिया भगवान शिब की तपस्या बालक मार्कन्डेय ने आरम्भ की जब उनकी आयु 12 साल के लिए तीन दिन शेष रह गए तो उन्होंने रेत का शिबलिग बनाया और शिब की तपस्या में लीन हो गयेउनकी 12 साल की आयू पूरी होने पर यम दूत उनके प्राण हरने के लिए आये उनकी तपस्या के कारण शिबलिंग में से आग की लपटे निकलने लगी यमदूत वापस यम पूरी चले गए और यमराज को पूरा वृतांत सुनाया जब स्वयं यमराज वहां आये तो बालक मर्कण्डेय ने शिबलिंग को वाहों मे पकड़ लिया उस समय शिबलिंग में से शिब प्रकट हुए उन्होंने यमराज को वापस जाने का आदेश दिया व बालक मार्कन्डेय को चिरंजीवी होने का वरदान दिया ऐसा माना जाता है किई यह घटना बैसाखी की पूर्व सांध्य को घटित हुई उस स्थान पर पानी का झरना फुट पड़ा जिसे आजमार्कंडेय तीर्थ के नाम से जाना जाता है इस वृतांत का विवरण मार्कन्डेय पुराण में मिलता है ऋषि मार्कन्डेय के मेलाअधिकारी तहसीलदार डॉ आशीष शर्मा ने बताया की बैसाखी के अवसर र करीब बारह हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया।