आवाज़ ए हिमाचल
05 अप्रैल।बागी विधायकों ने 15-15 करोड़ रुपये लिए हैं, लेकिन उनके सरगना ने इससे अधिक लिए होंगे। 14 माह पहले जो जनता के वोट से चुनकर आए हैं और जिन लोगों ने ईमान बेचा है, अब उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता। अपने बयान पर कायम मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नादौन के सेरा में पत्रकारों के बागी विधायकों के मानहानि के दावों के सवाल के जवाब में यह बात कही।सीएम ने कहा कि निश्चित तौर पर इस मामले में धन जुड़ा हुआ है। सरकार जांच कर रही है और तथ्य सामने आ रहे हैं। जनता के वोट पर चुनकर आने वाले नोट के दम पर विधायकी से आखिर क्यों इस्तीफा देते हैं, इसके पीछे के राज को जनता के सामने लाना होगा। विधायकों का हर काम करने व विधानसभा क्षेत्र में अधिकारी से लेकर स्टाफ उनकी पसंद का लगाने के बावजूद धन आत्मा की आवाज सुनकर इन्होंने ईमान बदला। बागी विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में वोट भाजपा प्रत्याशी को दिया है, यह भी सबको पता है, लेकिन प्रदेश के हित के बजट के लिए आखिर बागी विधायक क्यों नहीं पहुंचे। यह बजट आम लोगों का बजट था। चुनावों में जनता की अदालत में साबित करेंगे कि बिकाऊ को जिताऊ नहीं बनाया जाए।मंडी से भाजपा प्रत्याशी कंगना रणौत के बयान पर पलटवार करते हुए सीएम ने कहा कि कांग्रेस ने देश की एकता और अखंडता के लिए बलिदान दिया है। टिकट आवंटन के सवाल पर सीएम ने कहा कि दिल्ली में पहले समन्वय की बैठक होगी और फिर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी। इसके बाद सेंट्रल इलेक्शन कमेटी टिकट तय करेगी। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के सरकार के अस्थिर होने के बयान पर बोले-जयराम को सत्ता की भूख लग गई है। जनता ने उन्हें नकार दिया है तो अन्य राज्यों की तरह धन के बल पर कुर्सी हथियाने के प्रयास किए जा रहे हैं।