आवाज़ ए हिमाचल
03 अप्रैल।हिमाचल प्रदेश के ठेकों में अब अलग-अलग दाम पर शराब बिकेगी। सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की तर्ज पर बिक्री करने का फैसला लिया है। अब बोतल पर एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) की जगह एमएसपी (न्यूनतम विक्रय मूल्य) लिखा गया है। कारोबारी को बिक्री के लिए उच्चतम कोई भी दाम नहीं दिया है। उसे स्वयं तय करना होगा कि कितना लाभांश रखते हुए शराब बेचनी है। पड़ोसी राज्यों से मुकाबले और अवैध शराब की निगरानी के लिए सरकार ने आबकारी नीति में यह बदलाव किया था। अब 1 अप्रैल से नई व्यवस्था लागू हो गई है। कर एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। किसी ठेके में महंगे दाम पर शराब बेची जा रही होगी तो ग्राहक दूसरे ठेके पर जाकर रेट पता करेगा।इसपरिस्थिति जहां सस्ते दाम पर शराब मिलेगी, ग्राहक वहीं खरीदेगा। नई नीति के तहत एमएसपी से बहुत ज्यादा मार्जिन पर शराब बेचने वाले ठेकेदारों को कार्रवाई के प्रति भी चेताया है। अधिकारियों के अनुसार कुछ वर्ष पहले भी एमएसपी वाली नीति से शराब बिकती थी। अब दोबारा पुरानी नीति लागू कर दी है। नई नीति में ठेकेदारों को प्रतिमाह लेने वाले कोटे की शर्त भी समाप्त कर दी है। इससे कारोबारियों को राहत मिली है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार नए प्रावधान से इस साल करीब 2,800 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2023-24 के दौरान सरकार को 2,600 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था।