आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
29 फ़रवरी।बहुजन रिपब्लिक सोशलिस्ट पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ टीपी पांडेय ने कहा है कि बिलासपुर में उद्योग स्थापित करना आसान नहीं है। बिलासपुर में उद्योग लगा कर कई उद्योगपति अपनी बर्बादी कर चुके हैं। उद्योगों के प्रति सरकार द्वारा जो घोषणाएं की जाती हैं उनका उनका लाभ बिलासपुर के उद्योगपतियों को नहीं मिल पा रहा है। बिलासपुर में कच्चे माल की कोई भी व्यवस्था नहीं है उद्योगपतियों को कच्चा माल बाहर से लाना पड़ता है। इसके बाद प्रोडक्ट तैयार करो और उसे बेचने के लिए बाजार की तलाश करो । क्योंकि बिलासपुर शहर की जनसंख्या कम होने से सामान की खपत बिलासपुर में नहीं हो पाती। विपरीत परिस्थितियों को झेल कर यदि कोई उद्योग चल पडा तो उस पर नेताओं की नजर लग जाती है। नेता विभाग पर दबाव बनाकर उद्योग को परेशान करते हैं। या तो चुनावी चन्दा या कमीशन या कौडियों के भाव खरीदना चाहते हैं। यदि हिम्मत जुटाकर कोर्ट में न्याय मांगने चला भी जाए तो लम्बी तारीखो से समय बीतता रहता है। निरंतर उद्योग का भारी भरकम नुकसान होता रहता है। लाखों का कर्जा , ब्याज की वापसी न होना अन्त में नीलामी की प्रक्रिया। यदि बिलासपुर से बाहर के व्यक्ति ने उद्योग लगाया तो विपत्तियों का पहाड़ उसे चारों तरफ से घेर लेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया का दस्तूर है पुरानी चीजों को बेचने पर डेपरीसेशन लगाया जाता है किन्तु हिमाचल की भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में 40 वर्ष पुराने शेडो को लीज पर देने हेतू निर्माण कीमत पर 10 प्रतिशत प्रति वर्ष बढा दिया। जिन शेडो की उम्र केवल 20 वर्ष बची है उन शेडो को 40 वर्ष के लिए लीज पर देना तय कर दिया। हिमाचल प्रदेश में बनी कांग्रेस की सरकार उपरोक्त विषय पर अभी कुछ कर नहीं पाइ है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से अभी भी भरोसा है कि उद्योगों के प्रति उपरोक्त विसंगतियों को दूर करके उद्योगों को बढ़ावा देने का कोई निर्णय करेंगे ताकि कर के रुप में राजस्व प्रदेश को मिले, कामगारों को काम मिले, बेरोजगारी पर अंकुश लगे, आर्थिक संकट से निजात मिले।