आवाज़ ए हिमाचल
यशपाल ठाकुर,परवाणू
18 फरवरी।हिमाचल प्रदेश सरकार रोड़ सेफ्टी जैसे अहम् मामले को लेकर प्रदेश में एक सर्वेक्षण करवा रही है।इसी कड़ी में रोड़ सेफ्टी निरिक्षण को लेकर एक टीम परवाणू पहुंची।इस दौरान सर्वेक्षक टीम लोगों के पास जाकर रोड़ सेफ्टी बारे बता रहीं है तथा उनसे रोड़ सेफ्टी की ट्रेनिग के इच्छुक लोगों का नाम, मोबाइल नंबर भी लिया जा रहा है,ताकि सरकार जब रोड़ सेफ्टी को लेकर ट्रेनिंग करे तो इन सभी इच्छुक लोगों को ट्रेनिंग के लिए बुलाया जा सके।निरिक्षण टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे सर्वेक्षक मुकेश सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार के लिए रोड़ सेफ्टी बहुत महत्वपूर्ण है, तभी रोड़ सेफ्टी को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा जो सर्वेक्षण करवाया जा रहा है,उस पर आम जनता की राय भी ली जा रही है।
सर्वेक्षण करने आए सर्वेक्षक मुकेश सिंह ने बताया कि अधिक्तर लोगों की यही शिकायत होती है की,जब दुर्घटना होती है तो उस समय पुलिस काफी सख्ताई से सवाल जवाब करती है, जिस कारण वाहन चालक काफी अधिक घबरा जाता है,लेकिन रोड़ सेफ्टी एक्ट में यह प्रावधान है की जब आरोपी चालक चोटिल हुए व्यक्ति की सहायता करता है,तो पुलिस बिना चालक की मर्ज़ी से ब्यान नहीं ले सकती। वहीं यदि व्यक्ति दुर्घटना स्थल पर परेशान भी हो ओर घटना स्थल पर मौजूद भी रहे तब भी पुलिस आरोपी से उसकी मर्जी के बिना पूछ ताछ नहीं कर सकती है।प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे रोड़ सेफ्टी सर्वेक्षण बारे सर्वेक्षक मुकेश सिंह ने बताया कि यदि दुर्घटना करने वाला चाहे तो मौक़े पर अपने परिवार सदस्य या अपने वकील को भी बुला सकता है,ओर उसके बाद पुलिस को अपना ब्यान दर्ज करवा सकता है,साथ ही वह व्यक्ति वीडियो के माध्यम से भी पुलिस में अपना ब्यान दर्ज करवा सकता है ।
इस दौरान सर्वेक्षक मुकेश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार ने सड़क दुर्घटना को लेकर एक नियम भी बनाया है,जिसमें यदि वाहन चालक चोटिल हुए व्यक्ति की सहायता करता है,तो उस व्यक्ति को प्रदेश सरकार की तरफ से एक प्रशस्ति पत्र मिलेगा तथा इनाम के तौर पर पांच हज़ार रूपए भी दिए जाएंगे।