आवाज़ ए हिमाचल
राकेश डोगरा, पालमपुर। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल परौर में वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यातिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के चेयरमैन संजय सिंह चौहान ने शिरकत की। सबसे पहले दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। विभिन्न गतिविधियों में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों को इनाम वितरित किए गए। आए हुए मेहमानों व मुख्यातिथि का प्रधानाचार्य अशोक कुमार ने स्वागत किया। उन्होंने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस मौके पर मुख्यातिथि संजय सिंह चौहान की अब तक के जीवन बारे प्रकाश डाला गया।
इस मौके पर मुख्यातिथि ने कहा कि बहुत ही अधिक पीड़ा का विषय है कि शिक्षा के मन्दिर को कुछ लोगों ने राजनीति का अखाड़ा बना रखा है और आज इस मंच से मैं वायदा करता हूं कि जो भी शिक्षक इस में पाया गया उस पर कड़ी कार्रवाई तो की ही जायेगी इसके अलावा उसे अपनी सेवाएं किसी कठिन क्षेत्र में देनी पड़ेगी। इस अवसर पर संजय सिंह चौहान ने बताया कि प्री स्कूल वोकेशनल शिक्षा लागू करने के लिए एक माह के भीतर सभी स्कूलों की स्किल मैपिंग कर दी जाएगी। इस वर्ष 450 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए केंद्र ने फंड दे दिए हैं। छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को दस दिन की व्यावसायिक शिक्षा या तो स्कूल परिसर में दी जाएगी या स्थानीय कारीगरों के पास भेजा जाएगा। सरकार के समक्ष सब से बड़ी चुनौती शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना है। इसी उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश सरकार शैक्षिणिक संस्थाओं में समुचित अधोसंरचना उपलब्ध कराएगी। इस संज्ञान में 2142 सरकारी उच्च तथा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को स्मार्ट क्लास रूम से सुसज्जित किया गया है। अतः अब पढ़ाने के लिए मल्टीमीडिया टीचिंग ऐड का उपयोग भी किया जा रहा है, पढ़ने / बोलचाल के कौशल को बढ़ाने के लिए 36 भाषा प्रयोगशालाओं की स्थापना, प्रारम्भिक कक्षाओं के छात्रों का मूल्यांकन डाइट तथा एस सी ई आर टी द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा शिक्षक ज्ञान के साथ-साथ “जॉय ऑफ लर्निंग सेशन ” के तहत कक्षा में सिखाने की प्रक्रिया आनन्दमयी बनाने की दृष्टि से बच्चों को अधिगम सहायक सामाग्री प्रदान की गई है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा राजीव गांधी डे बोडिंग स्कूल जो कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में खोले जाने प्रस्तावित है। निपुण मिशन मूलभूत साक्षरता के लिए पहली से तीसरी कक्षाओं के लिए आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के लिए निपुण हिमाचल कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिसमें बच्चों के गणित एवं भाषा मूलभूत कौशल मौखिक अभिव्यक्ति के लिए कार्य किया जाएगा।
उन्होंने आगे यह कहा कि कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए माध्यमिक स्तर पर शिक्षक प्रशिक्षण के लिए पांच विषय गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, हिन्दी व सामाजिक विज्ञान के मॉडयूल विकसित किए गए हैं ।
उनके माध्यम से अगले सत्र में 4924 माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
चौहान ने आगे बताया सभी प्रकार के विद्यार्थियों को निशुल्क वर्दी प्रदान करना दूर-दराज क्षेत्र के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी विद्यार्थियों को स्कूल आने-जाने के लिए सरकारी बसों में किराया माफ करना जैसी योजनाएं भी चल रही है।
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा व सुदृढ़ीकरण के लिए सरकारी स्कूलों में वर्ष 2018 में नर्सरी व केजी (प्री-प्राइमरी) कक्षाएं शुरू की गई। वर्तमान में लगभग 5500 सरकारी स्कूलों में नर्सरी व केजी की कक्षाएं संचालित की जा रहीं हैं, जिनमें पिछले वर्ष लगभग 58,000 बच्चे नामंकित थे। इन कक्षाओं के संचालन हेतु प्राथमिक कक्षाओं के अध्यापकों को ईसीसीई के नवीनतम पाठ्यक्रम एवं
दिशानिर्देशों के अनुरूप विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया है ताकि बच्चों में शारीरिक, बौद्धिक, व भाषा आदि का विकास हो। इसी कड़ी में इंडोर एवं आउटडोर प्ले सामग्री, अन्य टीएलएम एवं सामुदायिक सहभागिता किट उपलब्ध कराई गई है।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त नर्सरी एवं केजी के सम्बन्धित कक्षा-कक्ष की दीवारों की उपयुक्त सजावट एवं बच्चों के बैठने की उपयुक्त व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है।
अंत में संजय सिंह चौहान ने कहा मुझे आशा है सरकारी स्कूलों में राजनीतिक गतिविधियों से हट कर शिक्षक विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण की ओर ध्यान देंगे और केवल यही कार्य सौंपा गया है और केवल इसी कार्य की कोई भी सरकार हो तनख्वाह देती है।