वोकेशनल स्टडीज सीखने पर दिया जाएगा विशेष ध्यान: संजय चौहान

Spread the love

आवाज ए हिमाचल

राकेश डोगरा, पालमपुर। राजकीय उच्च पाठशाला भौरा में वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह मनाया गया, जिसमें मुख्यातिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश सहकारी कृषि‌ एवं ग्रामीण विकास बैंक के चेयरमैन ने शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि “स्कूलों की संख्या को नहीं बल्कि स्कूल की गुणवत्ता और छात्र संख्या को शिक्षा का मानक आधार माना जाएगा।

इस अवसर पर उनके साथ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सुलह के वरिष्ठ कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। इस दौरान मुख्याध्यापक ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की व उपलब्धियां और समस्याओं के बारे में अध्यक्ष को जानकारी प्रदान की। इस मौके पर बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। विभिन्न गतिविधियों में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों को पारितोषिक वितरित किए गए।

इस अवसर पर संजय सिंह चौहान ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों को वोकेशनल स्टडीज सीखने पर ध्यान दिया जाएगा, जिसमें बागबानी, लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तन, बिजली का काम आदि कई स्वरोजगार कार्य शामिल हैं। छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को दस दिन की व्यावसायिक शिक्षा या तो स्कूल परिसर में दी जाएगी या स्थानीय कारीगरों के पास भेजा जाएगा।

2025 के अंत तक नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कम से कम पच्चास प्रतिशत छात्रों को वोकेशनल स्टडीज पढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेशभर के 54 नए स्कूलों में व्यावसायिक कोर्स की कक्षाएं शुरू होंगी। इन सभी स्कूलों में नौवीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को व्यावसायिक विषय पढ़ाए जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश के 1100 स्कूलों में 15 विभिन्न ट्रेडों में व्यावसायिक कोर्स संचालित हैं। इन स्कूलों में 91277 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।

चौहान ने आगे कहा कि शारीरिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। वोकेशनल तथा एकेडमिक स्ट्रीम को अलग नहीं किया जाएगा जिससे कि छात्रों को दोनों क्षमताओं को विकसित करने का मौका मिले।

संजय सिंह चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस बजट में शिक्षा के क्षेत्र के लिए कुल आठ हजार आठ सौ अट्ठाइस करोड़ रुपए ख़र्चे गए। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हाल ही में आए विभिन्न सर्वे बताते हैं कि कोरोना के दौरान विद्यार्थियों की सीखने, पढ़ने और लिखने की क्षमता में गिरावट आई है, लेकिन सुक्खू सरकार की नई नीतियों के चलते इस गिरावट को भी सन्तुलित कर दिया गया। सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए वचनबद्ध है और इस दिशा में तेजी से काम कर रही है और कंपोजिट ग्रांट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिसके तहत पाठशाला अपने स्वतंत्र निर्णय के आधार पर अत्यावश्यक वस्तुएं तुरन्त खरीद सकता है।

अंत में संजय सिंह चौहान ने कहा कि बच्चों में जीवन जीने का कौशल, आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास विकसित करने तथा तनाव, भय एवं संकोच जैसे मनोविकारों को दूर कर सोच में लचीलापन विकसित करने के उद्देश्य से प्रत्येक राजकीय विद्यालय में यूथ क्लब की स्थापना की जाएगी। स्वच्छता व स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की समझ विकसित की जानी है।

उन्होंने विशेष रूप से उपस्थित अभिभावकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे नशे से दूर रहें और न केवल अपने को बल्कि अपने आसपास के समाज को नशे से बचाने के लिए भरपूर कोशिश करें।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *