आवाज ए हिमाचल
राकेश डोगरा, पालमपुर। उपमंडल धीरा के अधीन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नौरा में वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यातिथि की भूमिका हिमाचल प्रदेश सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के चेयरमैन संजय सिंह चौहान ने निभाई। इस अवसर पर उनके साथ कांग्रेस के पदाधिकारी, पंचायत के प्रधान, बी डी सी मेंबर, एस एम सी प्रधान भी मौजूद रहे। बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। विभिन्न गतिविधियों में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों को पारितोषिक वितरित किए गए। स्कूल के प्रधानाचार्या सीमा पठानिया ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस मौके पर मुख्यातिथि ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का सपना है कि अनाथ और बेसहारा बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा है कि नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में सप्ताह में कुल उन्नतिस घंटे में कक्षाएँ लगाने की संस्तुति की गई है। सोमवार से शुक्रवार तक 5 से 5:30 घंटे एवं महीने के दो शनिवार को दो से अढ़ाई घंटे ही क्लास लगेंगे और दो शनिवार को अवकाश रहेगा। इसी प्रकार से आम विषयों की कक्षाओं की अधिकतम समय-सीमा 45 से घटकर 35 मिनट की जाएगी, जबकि प्रमुख विषयों की कक्षा 50 मिनट तक लगेंगी उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश में स्कूली कक्षाओं का सामान्य समय अधिकतम 35 मिनट हो जाएगा। केवल प्रमुख विषयों गणित, हिन्दी व हिन्दी व्याकरण, अंग्रेज़ी व अंग्रेज़ी ग्रामर, विज्ञान आदि विषयों से जुड़ी कक्षाओं का समय 40 से 50 मिनट निर्धारित किया जाएगा।
संजय सिंह चौहान ने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में व्यवस्था परिवर्तन किया जाएगा। अगले शिक्षा सत्र सेपहली कक्षा से ही साइंस और मैथ इंग्लिश में पढ़ाए जाएंगे, जबकि शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट के लिए विदेश भी भेजा जाएगा। संजय सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार का उद्देश्य स्कूलों की संख्या को बढ़ाना ही नहीं है बल्कि मौजूदा स्कूलों में गुणवत्ता को भी बढ़ाना है।संजय सिंह चौहान ने विशेष रूप से बताया कि सरकारी स्कूलों में पहली से इंग्लिश मीडियम, नए शिक्षा सत्र से व्यवस्था परिवर्तन के साथ सुधार होगा। हर श्रेणी में बेहतर प्रदर्शन करने वाले 10 स्कूलों को राज्य स्तर तथा जिला स्तर पर पांच-पांच स्कूलों का चयन कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।
चौहान ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के चार हज़ार अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ का दर्जा दिया है, जिसके तहत उनकी देख-रेख, शिक्षा और आत्मनिर्भर बनाने का जिम्मा राज्य सरकार का कानूनी दायित्व है। विशेष बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए अगले बजट में एक योजना लाई जाएगी। राज्य सरकार मेधावी छात्राओं को ई-स्कूटी खरीदने के लिए पच्चीस हजार रुपए का अनुदान प्रदान कर रही है। बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित न रहें इसके लिए राज्य सरकार ने डा. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की है, जिसके तहत सरकार उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज पर बीस लाख रुपए तक ऋण उपलब्ध करवा रही है।
अंत में संजय सिंह चौहान ने उपस्थित सभी विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों से विशेष रूप से आग्रह किया कि समाज में बढ़ते हुए नशे के प्रचलन से दूर रहें और अपने और अपने आसपास भी नजर रखें कि यदि कोई व्यक्ति इस कारोबार या इसका उपयोग करता पाया जाता है तो उसकी जानकारी पुलिस प्रधान आसपास के प्रशासन के अधिकारियों इत्यादि से सांझा करें।