आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। चार साल पहले केंद्र सरकार का लिया गए फैसले पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने मुहर लगा दी है। अनुच्छेद 370 पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 370 को हटाना जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए सही था। हालांकि यह प्रावधान कुछ दिन के लिए अस्थायी था। सोमवार को फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, इसकी कोई आतंरिक संप्रभुता नहीं है। आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला संवैधानिक था। जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया था।
संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू होते हैं। अनुच्छेद हटाने के पीछे कोई दुर्भावना नहीं थी। इसी के साथ लद्दाख को अलग करने का फैसला भी सही है। गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया था, जिसके बाद इस फैसले पर 23 अर्जियां सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थीं। सभी को सुनने के बाद अब चार साल चार महीने और छह दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
मुख्य बातें
- उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने संबंधी सरकार के फैसले को बरकरार रखा।
- सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर- 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं।
- वर्ष 2019 में राष्ट्रपति की घोषणा के बाद जम्मू कश्मीर के संविधान का अस्तित्व समाप्त हो गया है।
- लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग किया गया है। वह एक केंद्र शासित प्रदेश है।