पालमपुर: अंग्रेजी माध्यम में हुई भाषण प्रतियोगिता में बच्चों ने जमाई धाक

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आवाज ए हिमाचल

 राकेश डोगरा, पालमपुर। उपमंडल भवारना के अंतर्गत रेनबो वर्ल्ड स्कूल भवारना में गत वर्षों से विदेशी भाषा अंग्रेजी में भाषण देने के कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। यह कार्यक्रम एक वार्षिक कार्यक्रम है जिसमें कक्षा छठी से लेकर ग्यारहवीं कक्षा तक के बच्चे इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। अंग्रेजी भाषा के भाषण को तीन चरणों में करवाया जाता है, पहला चरण मई महीने में हुआ जिसमें चुने हुए बच्चे दूसरे चरण में पहुंचे और दूसरा चरण जुलाई महीने में करवाया गया और अब चुनिंदा बच्चों का तीसरा चरण करवाया गया, जिसमें निर्णायक मंडल की भूमिका स्कूल निदेशिका मीनाक्षी कश्यप व स्कूल प्रबंधक रवि जम्बाल ने निभाई। इस उपलक्ष्य पर अभिभावकों का भी विशेष योगदान रहा। क्योंकि उन्होंने यहां पर दर्शकों की भूमिका निभाकर बच्चों की सराहना करते हुए प्रोत्साहित किया। प्रतियोगिता को तीन समूहों में बांटा गया था। पहले समूह में कक्षा छठी और सातवीं के बच्चे थे जिसमें सातवीं रोज के निशांत ने प्रथम स्थान, वामन ने द्वितीय स्थान और आरव राणा और मिशिका ने तृतीय स्थान ग्रहण किया। दूसरे समूह में कक्षा आठवीं और नवमीं के बच्चों ने भाग लिया, जिसमें कक्षा आठवीं लोटस की अव्शा ने प्रथम स्थान, नवमीं लोटस की अक्षिता कपूर ने द्वितीय स्थान और आठवीं लोटस की आस्था ने तृतीय स्थान ग्रहण किया। तृतीय समूह में कक्षा दसवीं और ग्यारहवीं के बच्चों ने भाग लिया, जिसमें 11वीं की शाईना कटोच ने प्रथम स्थान, दसवीं रोज की आरुषि ने द्वितीय स्थान और दसवीं लोटस की अंशिका ने तृतीय स्थान  हासिल किया।

 

 स्कूल निदेशिका मीनाक्षी कश्यप ने अपने संबोधन में बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि भाषण वह विधा है, जिसमें किसी विषय का धारा प्रवाह रुप में विवरण करते हुए, विचारों तथा तथ्यों को लोगों के सामने व्यक्त किया गया हो। एक अच्छा भाषण उसके संदेश पर आधारित है। संदेश अवसर अनुसार भाषण के साथ मेल होना चाहिए।

प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों की सराहना करते हुए भविष्य में एक अच्छा वक्ता बनने के लिए कहा ।

स्कूल निदेशिका मीनाक्षी कश्यप, स्कूल प्रधानाचार्या सुजैन डेविड व स्कूल प्रबंधक रवि जम्बाल ने प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान ग्रहण करने वाले बच्चों को मैडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर आगे के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विदेशी भाषा अंग्रेजी के शिक्षकों की भी बहुत ही सराहना की।

 

 

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