आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। प्रदेश सरकार ने 100 करोड़ रुपए के माइनिंग घोटाले की जांच के लिए कमेटी गठित की है। इस कमेटी को गठित करने के निर्देश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिए थे। उनके निर्देशानुसार उद्योग विभाग के निदेशक राकेश कुमार प्रजापति को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। इस 6 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी में पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक प्रतिनिधि, जोकि पर्यावरण अभियंता से नीचे का न हो, उद्योग विभाग का जिला न्यायवादी एवं विधि अधिकारी और उद्योग विभाग के भू-विज्ञानी जोकि संबंधित जोन से होगा, ऐसे प्रतिनिधियों को उच्च स्तरीय कमेटी में स्थान दिया गया है।
यह कमेटी जांच करेगी कि पिछली सरकार के समय 68 स्टोन क्रशर बिना अनुमति के कैसे चलते रहे। ये क्रशर क्या-क्या शर्तें पूरी नहीं करते हैं, यह कमेटी इन स्टोन क्रशरों के दस्तावेजों की छानबीन भी करेगी। सरकार ने नई गठित कमेटी में पिछली कमेटी के अध्यक्ष रहे राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी को स्थान नहीं दिया गया है। यह कमेटी ब्यास बेसिन के तहत आने वाले जिलों कुल्लू, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना में बंद किए गए स्टोन क्रशरों की जांच करेगी। 23 अगस्त को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्राकृतिक आपदा और बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराए गए स्टोर क्रशरों को बंद कर दिया गया था। इन जिलों के 128 स्टोन क्रशरों को अगले आदेशों तक बंद कर दिया गया था। इस कारण सरकार को रोज करीब 60 करोड़ रुपए का नुक्सान हो रहा है।