आवाज़ ए हिमाचल
दिल्ली/ शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिवाली के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के लेप्चा में बहादुर जवानों को संबोधित किया। साथ ही दिवाली का पर्व भी मनाया। जवानों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि दिवाली के त्यौहार और जवानों के साहस की प्रशंसा का मेल देश के प्रत्येक नागरिक के लिए ज्ञान का एक क्षण है। उन्होंने भारत के सीमावर्ती इलाके पर स्थित देश के आखिरी गांव, जिसे अब पहला गांव माना गया है, में तैनात जवानों के साथ देशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्सव वहीं होता है जहां परिवार रहता है। उन्होंने सीमा की सुरक्षा के लिए त्यौहार के दिन अपने परिवार (Family) से दूर रहने की स्थिति को कर्तव्यों के प्रति समर्पण की पराकाष्ठा बताया। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों को अपना परिवार मानने की भावना सुरक्षाकर्मियों के उद्देश्यों को सार्थकता प्रदान करती है। उन्होंने कहा, “देश इसके लिए आपका आभारी और ऋणी है। इसलिए हर घर में आपकी सुरक्षा के लिए एक ‘दीया’ जलाया जाता है।” उन्होंने आगे कहा, “जहां जवान तैनात हैं वह जगह मेरे लिए किसी मंदिर से कम नहीं है।
प्रधानमंत्री ने पिछली दिवाली के बाद से पिछले एक वर्ष के दौरान हासिल की गई विभिन्न उपलब्धियों के बारे में बताया और चंद्रयान लैंडिंग, आदित्य एल1, गगनयान से जुड़े परीक्षण, स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, तुमकुर हेलीकॉप्टर फैक्ट्री, वाइब्रेंट विलेज अभियान और खेलों से जुड़ी उपलब्धियों का उल्लेख किया। पिछले एक वर्ष के दौरान हासिल हुई विभिन्न वैश्विक एवं लोकतांत्रिक उपलब्धियों को आगे गिनाते हुए, प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन, नारीशक्ति वंदन अधिनियम, जी-20, जैव ईंधन गठबंधन, दुनिया भर में वास्तविक समय में भुगतान संबंधी सुविधा के उत्कर्ष, निर्यात के क्षेत्र में 400 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार करने, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और 5जी की शुरुआत करने की दिशा में आगे बढ़ने के बारे में बात की।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक इस देश की सीमाएं सुरक्षित रहेंगी, यह देश बेहतर भविष्य की दिशा में प्रयास करता रहेगा। उन्होंने भारत के विकास का श्रेय सशस्त्र बलों की शक्ति, संकल्प और बलिदान को दिया। उन्होंने बताया कि 2016 में प्रधानमंत्री के इस क्षेत्र के दौरे के बाद से भारत के रक्षा निर्यात में आठ गुना से अधिक की वृद्धि हो गई है। उन्होंने कहा, “देश में आज एक लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का रक्षा उत्पादन हो रहा है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।”
एक दोहे के साथ अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों का हर कदम इतिहास की दिशा निर्धारित करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सशस्त्र बल इसी दृढ़ संकल्प के साथ भारत माता की सेवा करते रहेंगे। उन्होंने कहा, “आपके सहयोग से देश विकास की नई ऊंचाइयों को छूता रहेगा। हम मिलकर देश के हर संकल्प को पूरा करेंगे।”