आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश भर के सभी विश्वविद्यालयों को पोस्ट मैट्रिक और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को अमल में लाने निर्देश दिए हैं। यह निर्देश केेंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के पत्र के आधार पर दिए गए हैं। इस संबंध में 25 अक्तूबर को मंत्रालय के सचिव सौरभ गर्ग ने पत्र भेजा था। अब इस पत्र के जवाब में शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालय, तकनीकी, कृषि और बागबानी विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र भेजे हैं। इन पत्रों में खासतौर पर अनुसूचित जाति वर्ग और छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को लागू करने की बात कही गई है।
केंद्र सरकार की इस योजना के संबंध में विभाग ने साफ किया है कि शैक्षणिक और अन्य प्रमाणपत्र, डिप्लोमा, डीएमसी और डिग्री इत्यादि (कम से कम पिछले दस वर्ष) अपलोड करने के लिए डिजीलॉकर का उपयोग करना होगा। छात्रवृत्ति जारी करने के लिए दस्तावेजों, प्रमाणपत्रों का डिजिटल या ऑटो-सत्यापन करने के लिए डिजिलॉकर बनाया गया है। केंद्र सरकार प्रायोजित छात्रवृत्ति योजना में ऐसा न करने पर छात्रों को अगले शैक्षणिक सत्र से विभिन्न केंद्र प्रायोजित छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत छात्रवृत्ति से वंचित किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया है कि छात्रों के पात्रता प्रमाणपत्र यानी बोनोफाइड, डोमिसाइल प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, शैक्षिक प्रमाणपत्र सहित डिप्लोमा या डिग्री इत्यादि को शामिल करना होगा।