आवाज़-ए-हिमाचल
28 अक्टूबर : कैबिनेट मीटिंग से हिमाचल के एक लाख कर्मचारियों को फिर निराशा हाथ लगी है।यह शब्द नई पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन के कांगड़ा जिला प्रधान राजिन्दर मन्हास व महासचिव अनीश धीमान ने यहां जारी एक प्रेस बयान में कहे।
उन्होंने बताया कि 24 अक्टूबर को हर जिला मुख्यालय पर हजारों की संख्या में कर्मचारियों ने सांकेतिक धरना दिया था,जिसमें कर्मचारियों ने सरकार के समक्ष नई पेंशन स्कीम का विरोध दर्ज किया था और इस स्कीम को बन्द कर पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की थी।
वन मंत्री राकेश पठानिया ने भी एक इस मुद्दे पर कैबिनेट में चर्चा करने की बात कही थी, जिससे कर्मचारियों को लगा था कि इस कैबिनेट में जरूर कुछ अच्छा निकल कर आएगा और सरकार कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रख निर्णय लेगी।लेकिन इस बैठक के बाद सिर्फ निराशा ही कर्मचारियों के हाथ लगी है।जिला प्रधान मन्हास ने कहा कि प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने की बात तो दूर अभी तक वे लाभ भी हिमाचल के नई पेंशन स्कीम कर्मचारियों को देने में विफल रही है जो केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 2009 से दे रहा है।
जिसके तहत कर्मचारी की मौत पर परिवार को पेंशन का प्रावधान है,जिसे कई राज्य अपने कर्मचारियों को प्रदान कर चुके है।उन्होंने चेताया है कि हिमाचल में सरकार के गठन में कर्मचारियों की अहम भूमिका रहती है और यह नजर अंदाजी कहीं प्रदेश सरकार को महंगी न पड़ जाएं।उन्होंने कहा कि अगले माह राज्य कार्यकारणी के दिशा निर्देश अनुसार 12 नवंबर को सभी कर्मचारी अपने कार्यालय में लंच टाइम में गेट मीटिंग करेंगे और फिर भी सरकार नही चेती तो 24 नवंबर को सांकेतिक पेन डाउन स्ट्राइक की जाएगी जिसमें हर विभाग का हर कर्मचारी भाग