आवाज ए हिमाचल
तरसेम जरियाल, रिडकमार। धारकंडी के राजकीय महाविद्यालय रिड़कमार में केंद्र सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देशों के तहत स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत आज स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। “स्वच्छता ही सेवा” कार्यक्रम जिसका प्रसंग वाक्य “मैं न गंदगी करूंगा न किसी और को करने दूंगा” एवं “मेरा कचरा मेरी जिम्मेवारी ” की औपचारिक शुरुआत प्राचार्य डॉ युवराज सिंह पठानिया ने अपने सम्बोधन से की। प्राचार्य महोदय ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी का उत्तरदायित्व है कि स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण को भी संरक्षित रखा जाए। महाविद्यालय के बच्चों से प्राचार्य डॉ युवराज सिंह पठानिया ने यह आह्वान किया कि हमें अपनी निजी गतिविधियों में एकल प्रयोग प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए तथा अन्य लोगों को भी इस हेतु जागरूक करना चाहिए ताकि पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकें। उन्होंने आगे अपने सम्बोधन में कहा कि स्वच्छता के अनेक प्रकार हैं: जैसे मन की स्वच्छता, शरीर की स्वच्छता, घर–आंगन की स्वच्छता, पेयजल एवं भूमि की स्वच्छता तथा पर्यावरण की स्वच्छता इत्यादि। प्राचार्य महोदय ने बच्चों को स्वच्छता अभियान में अधिक से अधिक बढ़-चढ़ कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश के राष्ट्रपिता स्वर्गीय महात्मा गांधी जी भी स्वच्छता के पुजारी थे,अतः हमें अपने वातावरण को स्वच्छ रखने का प्रयास करना चाहिए, यह हमारी उनके लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
प्राचार्य के सम्बोधन के बाद महाविद्यालय के सभी विद्यार्थियों ने पूरे कैंपस की साफ-सफाई की। इस सफाई अभियान में महाविद्यालय के प्राचार्य महोदय डॉ युवराज सिंह पठानिया, अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर हाकम चंद तथा राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह ने भी अपना श्रमदान दिया।