आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र में लोकसभा और राज्यसभा से पारित करवाया गया ऐतिहासिक महिला आरक्षण बिल अब कानून बन गया है। शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इस बिल को हरी झंडी मिल गई, जिसके बाद भारत सरकार ने एक गजट अधिसूचना जारी की है। इस बिल के कानून की शक्ल लेने की वजह से विधानसभा और लोकसभा चुनावों में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल को नारीशक्ति वंदन बिल नाम दिया है। हालांकि बिल के कानून बनने के बाद भी यह तुरंत लागू नहीं हो सकेगा। दरअसल, इसके लिए पहले जनगणना और परिसीमन करवाया जाएगा।
कोरोनाकाल होने की वजह से साल 2021 में तय जनगणना अब तक नहीं हो सकी है। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद इसे करवाने की तैयारी है। वहीं, जनगणना के बाद लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन होगा, जोकि साल 2026 के बाद ही होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि अभी महिला आरक्षण बिल को लागू होने में थोड़ा और वक्त जरूर लग सकता है।