हिमाचल सरकार ने हाई कोर्ट में दिया अपना जवाब
आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। एनसीटीई की अधिसूचना और हिमाचल हाई कोर्ट के फैसले के बाद जूनियर बेसिक टीचर के पदों पर नियुक्त हो चुके बीएड डिग्री धारक अभ्यर्थियों को राज्य सरकार नौकरी से नहीं निकालेगी। सुप्रीम कोर्ट से बीएड द्वारा केस हारने से पहले जेबीटी के पदों पर हिमाचल में 131 बीएड नियुक्त हुए हैं। ये टीचर सरकारी स्कूलों में नौकरी कर रहे हैं, लेकिन उनकी नियुक्ति सब्जेक्ट टू फाइनल आउटकम की गई थी, इसलिए यहां नियुक्ति खतरे में आ गई थी। इसी केस में हिमाचल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा था। अब राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में कहा है कि जेबीटी के पदों पर नियुक्त हो चुके बीएड डिग्री धारकों को सरकार नहीं निकालेगी, लेकिन आगे से जेबीटी के पदों पर बीएड नियुक्त नहीं किए जाएंगे। हालांकि राज्य सरकार का पक्ष रखने के बाद भी हिमाचल हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 19 अक्तूबर को तय की है। हाई कोर्ट के अंतिम फैसले पर ही निर्भर करेगा कि इनका भविष्य क्या होगा? चूंकि नियुक्ति देने वाली राज्य सरकार ने ही खुद कह दिया है कि वह बीएड डिग्री धारकों को नहीं निकालेगी, तो यह उनके लिए बड़ी राहत की बात है। जेबीटी बनाम बीएड के मामले में राज्य सरकार ने भी एक रिव्यू पिटिशन वर्ष 2022 में दायर कर रखी थी। दूसरी तरफ जेबीटी अभ्यर्थी इन शिक्षकों को नौकरी से हटाने के लिए हाई कोर्ट में केस लड़ रहे हैं।
राज्य सरकार ने जूनियर बेसिक टीचर की भर्ती के मामले में एक और बड़ा कदम उठाया है। जेबीटी की पुरानी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है। जहां अभी काउंसिलिंग के बाद नियुक्ति आदेश आने थे, वह नहीं आएंगे। इसमें हमीरपुर जिला का मामला भी शामिल है। जहां भी जेबीटी भर्ती की पुरानी प्रक्रिया चल रही थी, जिसमें नियुक्ति आदेश नहीं हुए थे, उसे रद्द कर दिया गया है। अब जेबीटी की भर्ती नए सिरे से ही होगी, जिसमें बीएड को शामिल नहीं किया जाएगा। इसके लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी उपनिदेशकों और रोजगार कार्यालय से संपर्क करना शुरू कर दिया है। जेबीटी में ही 2500 से ज्यादा पद नई प्रक्रिया के तहत भरे जा रहे हैं।