जेबीटी बनाम बीएड केस में अब 19 अक्तूबर को सुनवाई

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आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला।  हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने जेबीटी और बीएडधारक मामले की सुनवाई 19 अक्तूबर को निर्धारित की है। अदालत ने जेबीटी टेट परीक्षा को पहले ही हरी झंडी दे दी है। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जेबीटी टेट परीक्षा पर लगाई गई रोक को हटा दिया था। बीएड धारक और जेबीटी मामले में सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद अदालत ने पुनर्विचार याचिका की सुनवाई हागी। हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की पांच नवंबर को जारी अधिसूचना को चुनौती दी है, जिसके तहत बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य किया गया था। अदालत के समक्ष दलील दी गई थी कि एनसीटीई की जिस अधिसूचना के तहत बीएड डिग्री धारकों जेबीटी टेट के लिए योग्य किया गया है, उसे राजस्थान हाई कोर्ट रद्द कर चुका है। उसके बाद 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई की उस अधिसूचना को अवैध करार दिया था, जिसके तहत बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य किया गया था। बता दें कि याचिकाकर्ता देवेश शर्मा ने राजस्थान हाई कोर्ट की जोधपुर पीठ के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी। राजस्थान हाई कोर्ट ने 25 नवंबर, 2021 को एनसीटीई की 28 जून, 2018 की अधिसूचना को रद्द कर दिया था। हिमाचल हाई कोर्ट ने भी बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य करने के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद निर्धारित की थी। 26 नवंबर, 2021 को हिमाचल हाई कोर्ट ने जेबीटी भर्ती मामलों पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया था कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई के नियम प्रारंभिक शिक्षा विभाग के साथ-साथ अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू होते हैं।

अदालत ने आदेश दिए थे कि एनसीटीई की 28 जून, 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन किया जाए। अदालत के इस फैसले से जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र हो गए थे। बाद में हाई कोर्ट ने जेबीटी यूनियन की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में पारित आदेशों के अनुसार इस फैसले पर रोक लगा दी थी।

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