: कुश्ती संयम व मज़बूत का खेल – राम कुमार
आवाज ए हिमाचल
शांति गौतम, बद्दी। मुख्य संसदीय सचिव (राजस्व, उद्योग तथा नगर नियोजन) राम कुमार ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति के परिचायक होते हैं। राम कुमार गत सांय दून विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मानपुरा में स्थानीय कुश्ती समिति द्वारा आयोजित दो दिवसीय गुगामाड़ी दंगल मेले के समापन अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुश्ती भारत का पुरातन पारम्परिक खेल है। कुश्ती का खेल संयम व मज़बूती का खेल माना जाता है। उन्होंने कहा कि कुश्ती खेल को जीवित रखने के लिए ग्रामीण स्तर पर दंगल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना आवश्यक है ताकि युवा देश के इस प्राचीन खेल महत्व को समझ सके। राम कुमार ने दंगल आयोजनकर्ताओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे अपनी देव संस्कृति को संजोए रखने के साथ-साथ अखाड़े के माध्यम से स्थानीय युवाओं में खेल के प्रति एक नई दिशा प्रदान कर रहे हैं जोकि एक सराहनीय कदम है। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि जिस तरह से आज के समय में कुछ युवा बाल्यावस्था से ही मादक पदार्थों का सेवन कर रहे हैं यह समाज के लिए गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि खेल युवाओं को नशे से दून रखने में सहायक सिद्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि खेल-कूद से जहां शारीरिक रूप से मज़बूत बनते है वहीं मानसिक रूप से भी विकसित होते है। उन्होंने कुश्ती समिति मानपुरा को दंगल के सफल आयोजन पर बधाई देते हुए समिति को 11 हजार रुपए दिए। उन्होंने इस अवसर पर स्थानीय ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी और सम्बन्धित अधिकारियों को इनके शीघ्र निपटारे के निर्देश दिए।
दंगल में कुल 11 मालियां रखी गई थी जिसमें सैकड़ों नामी पहलवानों ने भाग लिया। बड़ी माली में उत्तर प्रदेश मथुरा के पहलवान उमेश तथा पंजाब बाड़ोवाल के कालू विजेता रहे जिन्हें पुरस्कार के रूप में संयुक्त रूप से 1.20 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया गया। दूसरी माली में कालुआ गुज्जर, तीसरी माली में भोला, चैथी माली में तालिब बाबा तथा रवि, पांचवीं माली में नरेन्द्र, छठी माली में नदीम, सातवीं माली में छोटा रेजा, आठवीं माली में सुखमन, नवीं माली में विवेक बाबा, दसवीं माली में घोड़ा तथा ग्यारहवीं माली में शुभम विजेता रहे।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत मानपुरा के प्रधान नामदेव, उप प्रधान ज्ञान चंद, कुश्ती समिति के महासचिव तीर्थ राम शर्मा, मेला राम, श्याम लाल, गुरमैल सैनी, देव राज, गुरचरण सैनी, चरणजीत बल्ली, केवल सिंह, जगतार हिरा, सोढ़ी राम, शिव चरण नेगी, रामनाथ, जतिन्दर ठाकुर, जोगिंदर सैनी, शीला पंचनी, सावित्री पंचनी, राम दयाल, प्रदीप चंदेल, वार्ड सदस्य गुरबचन, श्याम लाल, रिम्पी सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।