वाॅलीबाल और कबड्डी में थुरल, खो-खो में डरोह रहा विजेता

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आवाज ए हिमाचल 

राकेश डोगरा, पालमपुर। राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यामिक स्कूल डरोह में सुलह मंडल की अंडर-19 लड़कों की 3 दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का आज समापन हो गया। इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि शमशेर सिंह राणा सेवानिवृत्त सहायक निदेशक हाॅर्टिकल्चर ने शिरकत की। सबसे पहले प्रधानाचार्य रजनीश अत्री ने आए हुए सभी गण्यमान्यों को स्मृति चिंह देकर सम्मानित किया और इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सबका धन्यवाद किया। खो-खो में डरोह पहले स्थान पर रहा जबकि अटियालादाई दूसरे स्थान पर, वाॅलीबाल में थुरल पहले स्थान पर जबकि खैरा दूसरे स्थान पर रहा। कबड्डी में थुरल पहले स्थान पर जबकि सुलह दूसरे स्थान पर रहा। बैडमिंटन में पहला स्थान डरोह, जबकि भवारना दूसरे स्थान पर रहा।
कुश्ती में 57 किलो भार वर्ग में पुड़वा के निखिल ने पहला, एपीएस धीरा के सुर्यांश ने दूसरा जबकि सुलह के प्रिंस ने तीसरा स्थान हासिल किया। 61 किलो भार वर्ग में भवारना के वंश ने पहला, सुलह के आदर्श को दूसरा व पुड़वा के सुजल ने तीसरा स्थान हासिल किया। 65 किलो भार वर्ग में सुलह के शुभम ने पहला, खैरा के सुमित ने दूसरा जबकि पुड़वा के अंशुल ने तीसरा स्थान हासिल किया। 70 किलो भार वर्ग में डरोड के नंदन ने पहला, सुलह के शिवम ने दूसरा जबकि पुड़वा के कर्म सिंह ने तीसरा स्थान हासिल किया। 74 किलो भार वर्ग में अटियालादाई के रजत ने पहला, डरोह के पीयूष ने दूसरा जबकि डूहक के आर्यन तीसरे स्थान पर रहे। 79 किलो भार वर्ग में एपीएस धीरा के अक्षित ने पहला, जी एस एस एस धीरा ने दूसरा,। पुड़वा के अंशुल तीसरे स्थान पर रहे। 86 किलो भार वर्ग में नौरा के क्षितिज ने पहला, मूंढी के आयान दूसरे स्थान पर रहे। 92 किलो भार वर्ग में खैरा के प्रिंस ने पहला, डरोह के दिव्यांश दूसरे स्थान पर रहे। 97 किलो भार वर्ग में सुलह के ऋषभ जीते। 125 किलो भार वर्ग में नौरा के आरव ने पहला, डरोह के आदित्या दूसरे स्थान पर रहे।

मुख्यातिथि शमशेर सिंह राणा ने सबसे पहले प्रधानाचार्य रजनीश अत्री का उन्हें यहां बुलाने पर धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि मैं भी इसी स्कूल का विद्यार्थी रहा हूं। मुझे यहां मुख्यातिथि के रूप में आने पर बहुत खुशी मिली। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल एक ऐसा माध्यम है जिससे हमें अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिलता है। खेल हमारी शारीरिक क्षमता बढा़ने में सहायक होते हैं। वह हमें तरो ताजा रखते हैं। खेलें हमें अनुशासन सीखाती हैं, लीडरशिप सीखाते हैं, सहयोग करना सीखाते हैं। इसलिए ज्यादा से ज्यादा सभी को खेलों में हिस्सा लेना चाहिए। अंत में प्रधानाचार्य रजनीश अत्री ने आए हुए सभी गण्यमान्यों का यहां आने पर धन्यवाद किया।

 

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