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विक्रम चंबियाल, धर्मशाला। भारत और चीन में चल रहे सीमा विवाद के बीच बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा चीन सीमा से 54 किलोमीटर दूर सिक्किम की राजधानी गंगटोक में अनुयायियों को प्रवचन देंगे। चीन सीमा पर स्थित नाथुला दर्रा गंगटोक से 54 किलोमीटर दूर है, जहां से दलाईलामा सिक्किम की जनता को बौद्ध धर्म का पाठ पढ़ाएंगे। कूटनीतिक रूप से इस दौरे की अहमियत इसलिए भी है क्योंकि दलाईलामा 13 साल बाद सिक्किम के दौरे पर जा रहे हैं। इसे कूटनीतिक हलचल तेज हो गई है। बौद्ध धर्मगुरु के सिक्किम दौरे का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। दलाईलामा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गंगटोक के पलजोर स्टेडियम में 11 अक्तूबर को सुबह धर्मगुरु आचार्य ज्ञालसे थोकमे संगपो रचित बोधिसत्वों के 37 अभ्यास नामक ग्रंथ पर प्रवचन देंगे। वहीं, 12 अक्तूबर को सुबह गुरु पद्मसंभव पर टीचिंग देंगे। हालांकि, सिक्किम सरकार की सूचना के मुताबिक दलाईलामा का यहां 10 से 14 अक्तूबर तक पांच दिवसीय प्रवास है। वहीं, दलाईलामा कार्यालय की ओर से सिर्फ दो दिन का प्रवास कार्यक्रम जारी किया गया है। शेष तीन दिन के कार्यक्रम का शेड्यूल जारी नहीं किया गया है।
अब नजर इस पर रहेगी कि 10, 13 और 14 अक्तूबर को वह अघोषित कार्यक्रमों में भाग लेंगे या विश्राम करेंगे। चूंकि, सिक्किम सरकार उनके दौरे को लेकर उत्साहित है। सीएम प्रेम सिंह तमांग अप्रैल में दलाईलामा से दिल्ली में मिले थे। इसके बाद दो दिन पहले अपनी सरकार के दस अफसरों संग धर्मशाला में दलाईलामा से उनके निवास पर मुलाकात की थी।