आवाज ए हिमाचल
नई दिल्ली। हिमालय और खास तौर पर मध्य हिमालय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को दरकते पहाड़ों और हिमस्खलन से सबसे ज्यादा खतरा है। यह खतरा ना केवल वर्तमान में बल्कि भविष्य में भी बना रहेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार यह पूरा इलाका बेहद संवेदनशील श्रेणी में आता है। हिमालय भारत में पृथ्वी पर सबसे ऊंची पर्वत शृंखला है। यह भारतीय और यूरेशियाई प्लेटों के टकराने के कारण बनी है। भारतीय प्लेट के उत्तर(चीन) की ओर बढ़ने से चट्टानों पर लगातार दबाव पड़ता है, जिससे वे भुरभुरी और कमजोर हो जाती हैं। इस वजह से भूस्खलन की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है और भूकंप का भी खतरा है। जलवायु परिवर्तन के कारण भूस्खलन और हिमस्खलन की घटनाएं न केवल बढ़ेंगी बल्कि बेमौसम कहर भी बरपाएंगी।
हिमाचल, उत्तराखंड और लद्दाख भी इससे अछूते नहीं हैं। जर्नल अर्थ्स फ्यूचर में प्रकाशित एक शोध अध्ययन के अनुसार हिमाचल,उत्तराखंड और लद्दाख अब भूस्खलन की दृष्टि से बेहद खतरनाक श्रेणी में आ चुके हैं।