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नेरचौक (मंडी)। श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में जल्द ही प्रदेश का पहला स्तनपान प्रबंधन यूनिट शुरू होगा। नवंबर तक इस यूनिट को शुरू करने का लक्ष्य है। स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. अनुपम बादन और दो स्टाफ नर्सें जयपुर से प्रशिक्षण लेकर आई हैं। तीन और स्टाफ नर्सों को अब प्रशिक्षित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। स्तनपान प्रबंधन यूनिट को चलाने के लिए अभी तक 30 लाख की मशीनरी खरीद ली गई है। 45 लाख की मशीनरी जल्द खरीदी जानी है। इसके टेंडर हो चुके हैं। स्तनपान प्रबंधन यूनिट नवजात शिशुओं के आईसीयू और महिलाओं के डिलीवरी प्वाइंट के बीच में होना चाहिए। इसीलिए इसे श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज के तृतीय तल में खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. अनुपम बदन ने बताया मां का दूध पीने वाले बच्चों में दूसरे बच्चों की अपेक्षा संक्रमण के खिलाफ बेहतर संरक्षण, बेहतर इंटेलिजेंस, बेहतर नैन-नक्श के अलावा मोटापे और कुपोषण से सुरक्षा होती है। इसके अलावा डायबिटीज, अस्थमा, त्वचा रोग से सुरक्षा समेत कई और फायदे होते हैं। ऐसे में यहां पर प्रदेश का पहले स्तनपान प्रबंधन यूनिट शुरू किया जा रहा है। इससे नवजात बच्चों की मृत्यु दर को बहुत कम करने में मदद मिलेगी और बच्चों को संपूर्ण पोषण भी मिलेगा। नेरचौक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. डीके गुप्ता ने बताया कि इस यूनिट को चलाने के लिए सभी प्रबंध किए जा रहे है। स्टाफ प्रशिक्षित होकर लौटा है और मशीनरी आ चुकी है। अस्पताल के लिए कुछ अन्य उपकरण जल्द खरीदे जाएंगे। लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज में यह हिमाचल का पहला यूनिट होगा।
इस तरह से काम करेगा स्तनपान यूनिट
स्तनपान प्रबंधन यूनिट ब्लड बैंक की तरह ही काम करता है। इसमें मां के दूध को इकट्ठा एवं संरक्षण करने की व्यवस्था होती है। इसमें महिलाएं स्वेच्छा से दूध दान कर पाएंगी। इस यूनिट के चलने के बाद नवजात के मृत्यु दर में 13 से 15 प्रतिशत की गिरावट आएगी। स्तनपान प्रबंधन यूनिट के बाद सभी जिला अस्पतालों में भी स्तनपान केयर सेंटर खोले जाएंगे।