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तरसेम जरियाल, रिडकमार। राजकीय महाविद्यालय रिड़कमार में हिंदी दिवस बड़े उत्साह एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हिंदी दिवस के इस अवसर पर महाविद्यालय में प्रतियोगिताएं करवाई गईं, विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इस दौरान काव्य-पाठ और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता मुख्य रूप से शामिल रहीं। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग की प्रोफेसर आशा मिश्रा के द्वारा किया गया। प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर हाकम चंद तथा राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह ने निभाई। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ युवराज पठानिया ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर कार्यक्रम का आगाज किया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य ने माता सरस्वती के चरणों में द्वीप प्रज्जवलित करके विधिवत रूप से किया। प्राचार्य ने अपने सम्बोधन में बच्चों को हिंदी भाषा में वार्तालाप करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी समृद्ध संस्कृति और संस्कारों की भाषा है। अतः इसे हमें अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन प्रयोग करना चाहिए। उनके अनुसार हिंदी हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़े पैमाने पर बोली जा रही है। अतः हिंदी बोलने में हमें किसी भी तरह की झिझक व शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए।
काव्य पाठ प्रतियोगिता में सकीना ने प्रथम, दीक्षा ठाकुर ने द्वितीय तथा कशिश ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में कविता, मधु, मीना तथा कशिश की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।वहीं दीक्षा, शिवानी, पूजा तथा सकीना की टीम ने द्वितीय तथा आरती, बॉबी, नितिन तथा अमन की टीम ने तृतीय स्थान हासिल किया। कार्यक्रम के अंत में रिड़कमार महाविद्यालय के प्राचार्य ने प्रतियोगिता में अव्वल रहने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।