आवाज़ ए हिमाचल
बरठीं (बिलासपुर)। बिलासपुर जिले के विकास खंड घुमारवीं के अंतर्गत कपाहड़ा पंचायत में मनरेगा में काम न करने के बावजूद लोकमित्र संचालक और उनकी पत्नी के खाते में पैसे आने का मामला सामने आया है। लोकमित्र केंद्र के संचालक और उनकी पत्नी ने तहसीलदार से वेरिफाई करवाकर एक शपथपत्र में यह बात कबूली है कि उन्होंने मनरेगा में कार्य नहीं किया है। इसकी वजह से अब पंचायत प्रधान और सचिव पर आरोप लग रहे हैं।
पंचायत निवासी विनय कुमार ने आरटीआई में इसकी जानकारी ली है। उन्होंने कहा कि आरटीआई में जानकारी मिली है कि लोकमित्र संचालक संजीव और उनकी पत्नी रीना देवी ने मनरेगा में काम किया है। रीना देवी मनियारी की दुकान करती है। विनय कुमार ने डीसी बिलासपुर से इसकी शिकायत कर दी है।
जानकारी के अनुसार पंचायत के ही लोकमित्र केंद्र संचालक संजीव कुमार और उनकी पत्नी रीना देवी ने शपथपत्र में यह बात कबूली है कि उन्होंने किसी भी मस्टरोल पर न तो कोई हस्ताक्षर किए हैं और न ही कोई कार्य किया है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रधान खाते में पड़ी राशि को यह कहकर ले गईं कि यह राशि गलती से उनके खाते में पड़ गई है। इसको वापस कर दो। इसे दोबारा पंचायत के खाते में डाल दूंगी। उन्होंने शपथपत्र में कहा है कि अगर भविष्य में कोई भी कानूनी कार्रवाई इस विषय में विभाग या पुलिस की ओर से की जाती है तो इसके लिए पंचायत प्रधान ही जिम्मेदार होंगी।
इस बारे में पंचायत प्रधान कपाहड़ा ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। संजीव और उनकी पत्नी रीना देवी ने कार्य किया था, मस्टरोल पर हस्ताक्षर भी किए हैं। उन्होंने कहा कि विनय कुमार पंचायत के कार्यों में हर समय बाधा डाल रहा है कि मैं पूर्व प्रधान हूं और मैं आपको पांच साल में कोई भी कार्य नहीं करने दूंगा।
वहीं, सचिव राजेंद्र कुमार ने बताया कि प्रधान द्वारा ही कार्य करवाए जाते हैं। मस्टरोल के अनुसार ही पेमेंट की गई है। इस बारे में बीडीओ घुमारवीं विपन कुमार ने बताया कि हमें इस बारे में कोई भी शिकायत नहीं मिली है। जेई से जानकारी लेकर ही कुछ कहा जा सकता है।