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भरमौर। भरमौर के चौरासी मंदिर परिसर के ऐतिहासिक देवदार के पेड़ पर झंडा चढ़ाने के साथ ही 8 दिवसीय स्थानीय जातर मेलों का शुभारंभ हुआ। पहली जातर नर सिंह भगवान जो कृष्ण जन्म के रूप में मनाई जाती है। दूसरी शिवजी, तीसरी लखना माता, चौथी गणेश, पांचवी कार्तिकेय, छठी शीतला माता, सातवीं बाबा जय कृष्ण गिरी तथा आठवीं जातर दंगल के रूप में हनुमान को समर्पित होती है। मंदिर में हर दिन जातर के दौरान मंदिर में जागरण किया जाता है और उसी देवता का जागरण होता है। सदियों से मनाई जा रही इस परंपरा को हर वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के बाद ऐतिहासिक देवदार के पेड़ पर झंडा चढ़ने के बाद शुरू होती है।
पिछले कई वर्षों से राजेश उर्फ रंजू घराटी इस ऐतिहासिक पेड़ पर झंडा चढ़ाते आए हैं जिन्हें देवताओं का वरदान माना जाता है। 11 शाखाओं वाले इस सदियों पुराने देवदार के पेड़ पर चढ़ना कोई आसान काम नहीं है। कहते हैं जिस व्यक्ति को इसके ऊपर चढ़ने की अनुमति शिव भगवान की होती है, उसे अपने आप ऊपर चढ़ने का रास्ता दिखाई देता है। अन्य कोई व्यक्ति अगर चढ़ता भी है तो 11 शाखाओं में ऊपर चढ़ने का रास्ता तो दिखता ही नहीं बल्कि नीचे वापस आने का रास्ता भी भूल जाता है इसलिए राजेश उर्फ रंजू घराटी ही पिछले कई वर्षों से इस परंपरा को निभा रहे हैं।