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तरसेम जरियाल, धर्मशाला। गुरु–शिष्य परम्परा भारत की संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं। जीवन मे माता–पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता। कहा जाता है कि जीवन के हमारे सबसे पहले गुरु माता पिता होते हैं। भारत मे प्राचीन काल से गुरु व शिक्षक परम्परा चली आ रही हैं। लेकिन जीने का सही तरीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता हैं। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता हैं। इस कड़ी में राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला के प्राचार्य डॉ० संजीवन कटोच के मार्गदर्शन वी० वॉक डिपार्टमेंट में सर्वप्रथम विद्यार्थियों ने शिक्षकों के साथ केक काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला के वी० वॉक डिपार्टमेंट के विद्यार्थियों ने शिक्षक दिवस के उपलक्ष पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया। समारोह में विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों का अभिवादन कर स्वागत किया। शिक्षक दिवस पर समारोह में प्राचार्य डॉ. संजीवन कटोच ने विद्यार्थियों को कहा कि शिक्षक विद्यार्थी को ज्ञान रूपी शिक्षा देकर योग्य बनाते हैं जिससे शिक्षा विद्यार्थी जीवन पर्यन्त तक उसके साथ रहती है। इस अवसर पर महाविद्यालय के वी० वॉक डिपार्टमेंट के शिक्षक वर्ग एवं विद्यार्थियों द्वारा केक काटकर शिक्षक दिवस को मनाया। इस दौरान विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों के जरिए शिक्षकों के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रतियोगिताओं के जरिये विद्यार्थियों ने शिक्षकों के महत्व का बखान किया। कार्यक्रम में वी० वॉक डिपार्टमेन्ट हॉस्पिटैलिटी एन्ड टूरिज़्म और रिटेल मैनेजमेंट के विभिन्न छात्र छात्राओं ने अपने विचारों को मंच पर सभी के सम्मुख रखा।
तरसेम जरयाल ने विद्यार्थियों को जीवन में लक्ष्य बनाकर उसे प्राप्त करने के लिए प्रयास करते रहने की सीख दी। डिपार्टमेंट के सभी शिक्षकों अंशुल राणा, रोहित सवरपाल,कनिका सूद, शैशव शर्मा संजीव कपूर, सुशांक गुप्ता हितेश शर्मा दिव्यम शर्मा, संघर्ष सैनी आदि ने विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी तथा अपने विचारों तथा अनुभवों से छात्र छात्राओं को लाभान्वित कर कार्यक्रम में सम्मिलित रहे। सभी प्राध्यापकों ने आपस में शिक्षक दिवस की बधाई दी और इसी प्रकार शिक्षा के लिए समर्पित रहने के लिए संकल्प भी लिया।