आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर से भाजपा विधायक डॉ. जनक राज के जन्मदिन पर आईएएस अफसर के खिलाफ वायरल पत्र बम मामले में पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। यह पत्र शिमला डाकघर से पोस्ट कर भाजपा विधायक के शिमला स्थित आवास के पते पर भेजा गया। 15 अगस्त को विधायक का जन्मदिन था। वे अपने विधानसभा क्षेत्र भरमौर में विधायक कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ जन्मदिन मनाने पहुंचे। वहां पुलिस की गिरफ्त में आए एक आरोपी ने मोबाइल से पत्र की फोटो खींची और वायरल कर दी।
उधर, विधायक ने पुलिस का सहयोग करते हुए पत्र के लिफाफे को एक जानकार के माध्यम से शिमला के बालूगंज थाना को सौंप दिया। अब यह लिफाफा केस प्रॉपर्टी के तौर पर पुलिस ने रख लिया है। लिफाफे पर विधायक का नाम और उनकी रिहायश का पता लिखा है। इस पर डाक विभाग की मुहर भी लगी है।
शुरुआती जांच में अंदेशा जताया जा रहा है कि पत्र शिमला में लिखा गया और चंबा से वायरल किया गया। कंप्यूटर पर पत्र लिखा, बाद में इसका प्रिंट लिया और लिफाफे पर नाम व पता पेन से लिखा गया है। सारे सबूत मिलने पर अब पुलिस हैंडराइटिंग के सैंपल लेगी। शिमला शहर में 29 लेटर बॉक्स हैं। इनमें कुछ लेटर बॉक्स ही ऐसे हैं, जिनके आसपास सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस जांच कर रही है कि यह पत्र कहां से पोस्ट किया होगा। इसमें सीसीटीवी फुटेज का भी सहारा लिया जाएगा। पुलिस इस मामले में करीब 70 फीसदी जांच पूरी कर चुकी है। उधर, एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि हर पहलू पर तफ्तीश की जा रही है।
गौर रहे कि बीते दिन विधायक जनकराज सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मिले और कहा कि पत्र से उनका लेना-देना नहीं है। यह पत्र उनके पते पर डाक से आया। इसे वायरल करने में उनका हाथ नहीं है।
जाएं क्या है पत्र बम मामला?
बीते दिनों वायरल पत्र में एक निजी कंपनी से करोड़ों के लेनदेन के आरोप लगे थे। पत्र में हाईप्रोफाइल पार्टी और कॉल गर्ल्ज तक का उल्लेख है। पत्र में एक आईएएस अफसर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्र सीबीआई निदेशक को प्रेषित करने का दावा किया गया। पत्र अनमोल सिंह ठाकुर के नाम से जारी हुआ, जबकि इस नाम का कोई अधिकारी व कर्मचारी नहीं है। आईएएस अफसर ने थाना बालूगंज में एफआईआर दर्ज करवाई। उसके बाद पुलिस ने पत्र वायरल करने वाले मुख्य आरोपी को जिला चंबा से हिरासत में लिया।