आवाज ए हिमाचल
14 जनवरी। बजट के इतिहास में इस साल कोरोना की वजह से पहली बार एक परपंरा टूटने जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इस साल पहली बार ऐसा होगा कि बजट की प्रिंट कॉपी नहीं छपेगी।केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस साल बजट की प्रतियां नहीं छापी जाएंगी और सारे डिटेल सॉफ्ट कॉपी के रूप में ही होंगे। कोविड महामारी की वजह से सरकार ने यह फैसला लिया है।
पहली बार बजट पेपरलेस
गौरतलब है कि अभी तक सांसदों और मीडिया आदि के लिए बजट की कॉपी छापी जाती थी। लेकिन पहली बार बजट पेपरलेस होगा। इस बार सांसदों को बजट की सॉफ्ट कॉपी दी जाएगी। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी।बजट छापने की पूरी प्रक्रिया वित्त मंत्रालय के लिए एक त्योहार की तरह होती थी और इसे छापने में काफी गोपनीयता बरती जाती थी। हर साल करीब 100 कर्मचारी करीब 15 दिनों के लिए पूरी तरह से वित्त मंत्रालय के दफ्तर में ही बंद हो जाते थे और मंत्रालय के प्रेस में ही बजट छापा जाता था।
इकोनॉमिक सर्वे भी सॉफ्ट कॉपी में
इस बार बजट की सॉफ्ट कॉपी साझा की जाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि यूनियन बजट और इकोनॉमिक सर्वे के दस्तावेज नहीं छापे जाएंगे और सॉफ्ट कॉपी दी जाएगी। संसद के सभी सदस्यों को आम बजट की सॉफ्ट कॉपी मिलेगी।गौरतलब है कि संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा और 8 अप्रैल तक चलेगा। यह दो चरणों में होगा। पहला चरण जनवरी में शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा जबकि इसका दूसरा चरण 8 मार्च से 8 अप्रैल तक होगा।