: एक साल से बंद है चक्की पुल
: बोले- बरसात खत्म होते ही लोगों के साथ मिलकर लड़ी जाएगी पुल के लिए लड़ाई
: व्यापारिक गतिविधियों व सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है ये चक्की पुल
आवाज ए हिमाचल
स्वर्ण राणा, नूरपुर। दो राज्यों को जोड़ने वाला कंडवाल स्थित चक्की पुल पिछले एक वर्ष से वाहनों के लिए बंद है।जहां दो महीने पहके इस पुल से हल्के दोपहिया वाहन गुजर रहे थे लेकिन इस वर्ष बरसात शुरू होते ही भारी बारिश के कारण आये चक्की खड्ड में जल बहाब से इस पुल को और ज्यादा क्षति पहुंची जिस कारण यह पुल पूरी तरह से बंद कर दिया गया जहां तक कि दोपहिया वाहन भी इस पुल से गुजरना बन्द कर दिए गए। इसे एनएचएआई की लापरवाही कहें, प्रशासन का ढिलमूल रवैया या फिर दोनों राज्यों की सरकारों की अनदेखी जिस कारण यह पुल इस दुर्गति पर पहुंचा है।लेकिन इस सारे परिप्रेक्ष्य में अगर कोई पिस रहा है तो वो है आम आदमी जो रोजमर्रा के कार्यों के लिए चक्की पुल से गुजरते हैं।वहीं स्थानीय विधायक रणवीर सिंह ने चक्की पुल पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ये पुल प्रदेश की सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा रोजाना के कामों को निपटाने में भी हजारों लोग इस पुल पर गुजरते हैं।बहुत से स्कूली बच्चे हिमाचल से पंजाब व पंजाब से हिमाचल में पढ़ते हैं।इसके अलावा कर्मचारी तथा दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले लोग तथा दिव्यांग बच्चे पंजाब स्थित स्कूल में जाते हैं उनके माता पिता भी परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि कंडवाल से भदरोया तक सड़क की हालत खराब है और कई किलोमीटर का लंबा चक्कर भी लगाना पड़ता है। निक्का ने एन.एचए.आई पर आरोप जड़ते हुए कहा कि पिछले एक वर्ष से करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए मगर अभी तक दो पिल्लरों की सेफ्टी नहीं कर पाए।
उन्होंने कहा कि अब लोग बहुत लंबा इंतजार नहीं कर पाएंगे और अब लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा की जैसे ही बरसात खत्म होती है लोगों के साथ मिलकर इस पुल को खोलने की लड़ाई लड़ी जाएगी।