13 जनवरी। हिमाचल प्रदेश के लिए प्रथम चरण में सीरम इंस्टीट्यूट में बन रहे ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड वैक्सीन की 93 हजार डोज मंजूर की गई हैं। हवाई मार्ग से यह डोज शिमला पहुचेगी, जहां से 12 वातानुकूलित एंबुलेंसों से वैक्सीन 46 सेंटरों तक पहुंचाई जाएगी।16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू होने वाली है इसके लिए प्रदेश में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। शिमला मंडी धर्मशाला को वैक्सीन स्टोर करने के मुख्य केंद्र बनाए गए हैं। हिमाचल में पहले चरण में कोविशिल्ड वैक्सीन के 93 हजार डोज आएगी। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में करोना वैक्सीनेशन के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। वैक्सीन को शिमला हेलीकॉप्टर के द्वारा लाया जाएगा।
इसका भंडारण राज्य वैक्सीन स्टोर परिमहल शिमला तथा क्षेत्रीय वैक्सीन स्टोर मंडी व धर्मशाला में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिमला के आईजीएमसी व मेडिकल कॉलेज टांडा से इसका वेब के माध्यम से लाइव किया जाएगा ताकि प्रदेश भी सरकार के साथ इस क्षण में हिस्सेदार बन सके व सरकार के अधिकारी लाभार्थियों के साथ संवाद स्थापित कर सके। कोविड-19 टीकाकरण के प्रथम चरण में राज्य मे करोना फ्रंटलाइन वारियर्स को 93 हजार खुराकें दी जाएंगी। इनमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले लोग आंगनवाड़ी, कार्यकर्ता एंबुलेंस चालक, सफाई कर्मी या तमाम वह लोग जिन्होंने इस महामारी के दौरान अपनी सेवाएं आगे आकर दी है उन्हें पहले यह वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। इसमें राज्य, केंद्र सरकार और सशस्त्र बलों के स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता शामिल होंगे, इसके लिए 46 स्थलों का चयन किया गया है।
उन्होंने बताया कि 93 हजार में अगर 10 प्रतिशत वैक्सीन में खराबी पाई जाती है तो 85 हजार व बचेगी। जिससे प्रथम चरण में लगभग 41 से 42 हजार लोगों को दो 2 डोज मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज जैसी संस्थाओं में 100 लोगों को सीएचसी में 80 लोगों को तथा इससे नीचे वाले स्थानों में 50 लोगों को प्रथम चरण में कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी। जिससे 4 से 5 हजार लोग को 1 दिन में वैक्सीन लगाई जा सकेगी। पहली डोज व दूसरी में 28 दिन का अंतराल होगा। दूसरी डोज के 14 दिन बाद दोनों का असर नजर आएगा। इस तरह इलाज की पूरी अवधि 42 दिन की होगी। उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान सभी को कोविड के सभी नियमो का पालन करना होगा।