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चेन्नई। भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 का अगला इम्तिहान शुरू हो गया है और अब मिशन के लैंडिंग की तैयारी है। गुरुवार को चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल (एलएम) को प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) से अलग हो गया। विक्रम लैंडर को आगे की 100 किलोमीटर की यात्रा खुद तय करनी है। इसके लिए उसे एक तो ऊंचाई कम करनी होगी। साथ ही स्पीड भी घटानी होगी। क्योंकि चंद्रयान को धीरे-धीरे चांद की सतह पर उतारा जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक चांद की कक्षा के एक और गोलाकार चरण को पूरा कर लिया है और अब वह चांद के और करीब वाली कक्षा में पहुंच गया है। इसरो ने कहा कि अब तैयारियों का समय आ गया है क्योंकि प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हैं। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रयान-3 आशा के अनुरूप सामान्य तरह से काम रहा है।
इस पूरे मिशन के दौरान अंतरिक्ष यान की यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और जेपीएल डीप स्पेस एंटीना के सहयोग से लगातार इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) में मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स), बेंगलुरु के पास बयालू में इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) एंटीना से निगरानी की जा रही है।