बोलीं- प्रताड़ना बंद नहीं हुई तो विधायक केवल पठानिया के घर पर भूख हड़ताल पर बैठ जाऊंगी
आवाज़ ए हिमाचल
ब्यूरो, शाहपुर। नगर पंचायत शाहपुर कि पूर्व अध्यक्षा और वार्ड नंबर दो से पार्षद ऊष्मा चौहान ने कहा कि नगर पंचायत शाहपुर के कार्यालय में गत शाम छह बजे पार्षदों द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार, राजनीति से प्रेरित व झूठे हैं। वे जनता द्वारा चुनी हुई प्रतिनिधि हैं तथा जनता की आवाज़ उठाना उनका पहला कर्तव्य है। यह लोग राजनीतिक दवाब बनाकर उन्हें दबाने का प्रयास कर रहे हैं, जो किसी भी सूरत पर नहीं चलेगा।
उन्होंने कहा कि नगर पंचायत शाहपुर में पिछ्ले कई महीनों से विकास कार्य ठप्प हैं। विकास का कोई भी नया कार्य नहीं हुआ है तथा यह लोग अपनी नाकामियों को छुपाने व जनता का ध्यान विकास कार्यों से भटकाने के लिए उन पर घटिया व झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो मार्च को चार पार्षदों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया था तथा 22 मार्च 2022 को मेने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसी दिन एसडीएम की अध्यक्षता में आयोजित हाऊस की बैठक में उनके खिलाफ दिया गया प्रस्ताव पारित कर दिया। 22 मार्च को त्यागपत्र देने के उपरांत भी उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास कर दिया था। 29 मार्च को शाहपुर नगर पंचायत चुनाव में अध्यक्ष उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें निशा शर्मा अध्यक्ष व किरण कौशल उपाध्यक्ष चुनी गई थी। अध्यक्ष उपाध्यक्ष बनने के 27 दिनों बाद 25 अप्रैल को शपथ हुई थी, जबकि उन्होंने 35 दिन पहले ही अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था, ऐसे में वे बैठक कैसे बुला सकती थी? यह बैठक निशा शर्मा की अध्यक्षता में ही हुई थी तथा वे भी इस बैठक में उपस्थित थीं। उस बैठक में सात पार्षद मौजूद थे तथा रजिस्टर पर हस्ताक्षर भी सभी पार्षदों ने खुद किए थे। इन पार्षदों द्वारा अब यह कहना कि इस बैठक के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है तथा उनके हस्ताक्षर भी जाली हैं, समझ से परे है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि उस बैठक में हुए पार्षदों के हस्ताक्षरों की जांच होनी चाहिए, ताकि जनता को सच्च का पता लग सके तथा पार्षदों के हस्ताक्षर सही पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पार्षदों ने सरकार के दबाव में आकर यह पत्रकार वार्ता की है। मनोनीत पार्षद ने पत्रकार वार्ता में उनके साथ बैठी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। वार्ड चार के पार्षद पर लगे अवैध कब्जा का मौका करवाने के लिए तहसीलदार व राजस्व विभाग को भेज कर दवाब बनाने का प्रयास किया था। वार्ड तीन के पार्षद पर भी कई तरह से आरोप लगाकर दबाव बनाया गया था तथा इसी का नतीजा रहा कि भाजपा समर्थित इन पार्षदों ने अभी हाल ही में हुए अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव में सरेआम कांग्रेस का समर्थन किया था। इसी दबाव में आकर अब यह पार्षद उनके ख़िलाफ़ जूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा जनता के साथ हूं तथा उनके हितों को दबने नहीं दूंगी, इसके लिए यह पार्षद व सरकार उन्हें जो मर्ज़ी सजा दे दे।
ऊष्मा चौहान का कहना है कि पार्षदों ने जो आरोप उन पर लगाए इस पर वे इन पर मानहानी का केस करने जा रही हैं। मनोनीत पार्षद ने उनके घर आकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है। उन पर कई तरह के दबाव बनाए गए। उन्होंने आशंका जताई है कि यह पार्षद सरकार की शक्तियों का दुरपयोग कर उन्हें व उनके परिवार को आगे भी प्रताड़ित करेंगे। उन्होंने कहा है कि अगर मुझे व मेरे परिवार को कुछ होता है तो उसके जिम्मेवार मनोनीत पार्षद व अन्य पार्षद होंगे। उन्होंने ये भी कहा कि यह प्रताड़ना बंद नहीं हुई तो मैं विधायक केवल सिंह पठानिया के घर पर भूख हड़ताल पर बैठ जाऊंगी।