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तरसेम जरयाल, धर्मशाला। डिग्री कॉलेज धर्मशाला के भू विज्ञान के विद्यार्थियों ने धर्मशाला के दाडी का वृद्ध आश्रम देखा और वहाँ जाकर बुजुर्गो की किस तरह से सेवा होती है,किस तरह से उनके रखरखाव किस तरह से उनकी जीवनचर्या व्यतीत होती है और उनकी समस्याएं सहित सारी जानकारी छात्रों ने ली। भृमण के दौरान स्टूडेंट्स ने आश्रम की सुविधाओं, व्यवस्थाओं और नियमों की जानकारी ली। आश्रम के वृद्धों ने भी अपने अनुभव स्टूडेंट्स के बीच साझा किया। विभाग के एसिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मी वर्सेन ने बताया कि आश्रम में सलूणी, पांगी, नेपाल, और शिमला से लगभग 23 बुजुर्ग रहते हैं। वृद्ध आश्रम में बुर्जुगों से उनका हाल जान कर कुछ विद्यार्थियों की आंखे भी नम हो गई।
प्रो. डॉ लक्ष्मी वर्सेन ने बताया कि ऐसे विजिट के माध्यम से इन विद्यार्थियों को अपने माता-पिता की सेवा करने की जिम्मेवारी का अहसास होता है। बुर्जुगों की देखभाल करना हर बच्चे का फर्ज है, इसे नैतिक जिम्मेवारी समझ कर हमें निभाना होगा, तभी हमारी औलाद भी आगे से हमारा ध्यान रखेगी। उन्होंने कहा कि वृद्ध जनों का सम्मान करना चाहिए। वृद्धों की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों की सेवा करने का हमें बहुत कम अवसर मिलता है, इसलिए जहां भी अवसर मिले, हमें वृद्धजनों की सेवा व सम्मान अवश्य करना चाहिए।