आवाज़ ए हिमाचल
चिंतपूर्णी। माता चिंतपूर्णी मंदिर में अब श्रदालुुओं को वीआईपी दर्शन करने के लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी। श्रदालुओं को मंदिर में 1100 रुपए देकर वीआईपी दर्शन की सुविधा मिलेगी। 1100 रुपए के एक वीआईपी पास से पांच लोग एक साथ मां के दरबार में हाजिरी लगा पाएंगे। शुरुआती दौर में रोजाना 500 वीआईपी पास जारी होंगे, ताकि पंक्ति व्यवस्था बाधित न हो। इस नई व्यवस्था से मंदिर प्रशासन की आय में जहां इजाफा होगा, वहीं मुफ्त के कथित वीआईपी कल्चर से भी निजात मिलेगी। पारदर्शी तरीके से हिमाचल प्रदेश में इस प्रकार की व्यवस्था करने वाला चिंतपूर्णी मंदिर न्यास पहला शक्तिपीठ होगा। उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी के दरबार में दर्शन करने के लिए आने वाले वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए मंदिर न्यास द्वारा नई पारदर्शी व्यवस्था सुगम दर्शन प्रणाली लागू कर दी गई है।
व्यवस्था का फायदा मंदिर न्यास को आय बढ़ाने के रूप में होगा और श्रद्धालुओं को इस व्यवस्था में दर्शन करने के लिए अपनी जेब ढीली करनी होगी। हिमाचल प्रदेश में इस प्रकार की दर्शन प्रणाली को लागू करने वाला चिंतपूर्णी मंदिर न्यास पहला शक्तिपीठ होगा। इससे मंदिर प्रशासन को यहां आर्थिक लाभ होगा, वहीं उन्हें कथित वीआईपी बनकर चोर रास्तों व लिफ्ट से मंदिर में दर्शन करने की धौंस व गतिविधियों से भी छुटकारा मिलेगा।
इस प्रणाली से वे श्रदालु लाभान्वित होंगे, जिन्हें आर्थिक संसाधन होने के बावजूद लंबी कतारों के चलते मंदिर में दर्शन के लिए घंटो इंतजार करना पड़ता था। कई आर्थिक तौर पर सक्षम श्रद्धालु भीड़ को देखते हुए मंदिर दर्शनों का इरादा ही छोड़ देते थे। अब ऐसे श्रदालुओं को दर्शनों के लिए मात्र 1100 रुपए खर्च कर पूरे परिवार को चंद मिनटों में ही मां के दर्शन हो पाएगें, वहीं उन्हें लंबी कतारों से भी निजात मिलेगी। (एचडीएम)
सुगम दर्शन प्रणाली के लिए बनाई गई चार कैटेगरी
वीआईपी श्रद्धालुओं को 1100 रुपए की पर्ची कटवानी होगी, जिसमें पांच श्रद्धालु माता के दरबार में हाजिरी भर सकेंगे। दूसरी कैटेगरी में 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों और दिव्यांगो को एक अटेंडेंट के साथ 50 रुपए देने होंगे। तीसरी कैटेगरी में मंत्री, विधायकों और सांसदों को मुफ्त दर्शन होंगे।
गोल्फ कार्ट से लिफ्ट तक पहुंचेंगे वीआईपी श्रद्धालु
वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए बाबा श्री माई दास सदन में बने वेटिंग हॉल में बैठने की व्यवस्था की गई है। वहां से इलेक्ट्रिक गोल्फ कार्ट के माध्यम से वीआईपी श्रद्धालुओं को मंदिर की लिफ्ट तक ले जाया जाएगा और वहां लिफ्ट के माध्यम से दर्शन करवाएं जाएंगे।