आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल में अब सिर्फ मेडिकल के छात्र ही वेटरिनरी फार्मासिस्ट बन सकेंगे। पशुपालन विभाग ने आगामी सत्र के लिए वेटरिनरी फार्मासिस्ट कोर्स के क्राइटेरिया में बदलाव किया है। पहले जहां किसी भी स्ट्रीम से जमा दो कक्षा पास उम्मीदवार वेटरिनरी फार्मासिस्ट कोर्स के लिए आवेदन कर सकते थे, तो वहीं अब पशुपालन विभाग की ओर से जारी नई अधिसूचना के अनुसार सिर्फ मेडिकल स्ट्रीम से जमा दो कक्षा पास उम्मीदवार ही निजी शिक्षण संस्थानों से वेटरिनरी फार्मासिस्ट का कोर्स कर पाएंगे। इसके अलावा जमा दो कक्षा में 55 प्रतिशत अंकों को भी जरूरी कर दिया गया है। पशुपालन विभाग की ओर से जारी आदेश से वेटरिनरी फार्मासिस्ट प्राइवेट इंस्टीच्यूशन एसोसिएशन नाराज है और विभाग के आदेशों का विरोध भी जताया है। एसोसिएशन की ओर से इस संदर्भ में सचिव पशुपालन विभाग को पत्र लिखा गया है।
इस पत्र में कहा गया है कि पशपुालन विभाग की ओर से जारी आदेशों पर पुनर्विचार किया जाए, ताकि बिना मेडिकल स्ट्रीम वाले उम्मीदवार भी वेटरिनरी फार्मासिस्ट का कोर्स कर सकें। एसोसिएशन की ओर से पशपुालन सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि सभी स्ट्रीम में जमा दो कक्षा पास युवाओं के लिए वेटरिनरी फार्मासिस्ट कोर्स से युवाओं को नौकरी के अवसर प्राप्त होते हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीराम शर्मा का कहना है कि सरकार की ओर से जारी नए आदेशों के अनुसार सांइस स्ट्रीय के अलावा अन्य स्ट्रीम के छात्रों से यह मौका छिन जाएगा। ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि पशुपालन विभाग की ओर से जारी आदेश पर पुनर्विचार किया जाए।