आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश में 126 मेगावॉट का लारजी प्रोजेक्ट 29 दिन से बंद है। अगले 5-6 महीने तक भी इसके बहाल होने की उम्मीद नहीं है। सूत्रों की मानें तो हिमाचल सरकार ने इसे लेकर NHAI को एक पत्र लिखा है। इसमें लारजी प्रोजेक्ट को नुकसान के लिए NHAI को जिम्मेदार बताया गया है। दरअसल, 2019 में NHAI ने लारजी की साइड पर डबल डैकर रोड बनाया। इसके लिए जब ब्यास में पिलर बनाए गए तो इस पर ऊर्जा विभाग ने उस दौरान आपत्ति जताई थी और इससे नदी का वाटर लेवल बढ़ने की चिंता जाहिर की थी, लेकिन NHAI ने उस दौरान ऊर्जा विभाग की बात को गंभीरता से नहीं लिया।
इस बार जब 9 जुलाई को भारी बारिश के बाद ब्यास नदी उफान पर आई तो इसके पानी ने लारजी प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचाया। राज्य सरकार ने लारजी प्रोजेक्ट को 658 करोड़ रुपए का नुकसान होने का आंकलन लगाया है और इसकी भरपाई केंद्र से करने की मांग की, क्योंकि माना जा रहा है कि NHAI की लापरवाही की वजह से इस प्रोजेक्ट को नुकसान हुआ है। इस मामले में मुख्यमंत्री ने प्रिंसिपल एडवाइजर राम सुभग सिंह की अगुवाई में एक कमेटी भी गठित की है। इस कमेटी को कहा गया है कि लारजी प्रोजेक्ट को किन वजहों से कितना नुकसान हुआ है, इसकी रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपे। बीते दिनों मुख्यमंत्री ने यह मामला दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुल्लू दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष भी उठाया।