आवाज़ ए हिमाचल
मंडी। प्रदेश में पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को विभिन्न व्यवसाय में दक्ष बनाया जाएगा। हिमाचल में 14 से 19 साल तक के ऐसे करीब 5,000 हजार बच्चे हैं। हिमाचल सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए स्किल सेंटरों के माध्यम से उन्हें 15 ट्रेड में प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसको लेकर सर्वे शुरू कर दिया गया है।
इसके लिए कमेटियां बनाई गई हैं। कमेटी में शामिल शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारी बच्चों तक पहुंचेंगे और रुचि के मुताबिक ट्रेनिंग के लिए तैयार करेंगे। इसके लिए शिक्षा, किसी तरह की कैटेगरी और किसी भी प्रकार की औपचारिकता नहीं होगी। बच्चों को प्रदेश में बनाए गए स्किल सेंटरों में पहुंचाकर विभिन्न व्यवसायों में ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।
डाइट मंडी के प्रधानाचार्य बलवीर भारद्वाज ने बताया कि आउट ऑफ स्कूल 14 से 19 साल तक के वे बच्चे जो किसी कारण पढ़ाई नहीं कर पाए थे और अब कुछ बनना चाहते हैं, उन्हें व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी। इस साल ऐसे 5000 बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी, इसके लिए सर्वे शुरू कर दिया गया है। हेल्थ एंड हेल्थ केयर, एग्रीकल्चर, ऑटो मोबाइल, टूरिज्म, सिक्योरिटी, टेलीकॉम, ब्यूटीशियन सहित कंप्यूटर आदि ट्रेड में बच्चों को दक्ष बनाया जाएगा ताकि यह अपना रोजगार चला सकें और भविष्य में आजीविका कमा सकें।
राज्य स्तरीय कार्यशाला में 300 शिक्षकों को किया प्रशिक्षित
स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा देने के लिए इस बार डाइट मंडी को चुना गया था। इसमें प्रदेश के शिक्षकों ने भाग लिया। ट्रेनिंग का मुख्य विषय हेल्थ केयर रहा। राज्य के 300 से अधिक शिक्षकों को तीन सत्रों में प्रशिक्षित किया गया। राज्य में 1,274 वोकेशनल स्कूल हैं और इनको 15 सेक्टर में बांटा गया है। कुल 57 हब बनाए गए हैं और 61 स्पोक बनाए गए हैं।