: जन्म के एक घंटे के अंदर नवजात को स्तनपान कराना पहले टीके का काम करता
आवाज ए हिमाचल
शांति गौतम, बद्दी। कामकाजी महिलाओं के लिए कार्यस्थल एव घरों में एक सक्षम तथा अनुकूल वातावरण के निर्माण को लेकर स्तनपान के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट द्वारा ग्लेनमार्क फाऊंडेशन की और से 1 अगस्त से विश्व स्तनपान जागरूकता सप्ताह की शुरुआत की गई। इसके तहत सात अगस्त तक महिलाओं को स्तनपान के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जागरुकता सप्ताह की शुरुआत आरसीएच सेंटर वॉर्ड नंबर 2 बद्दी से की । सरकारी अस्पताल बद्दी जिसके सभी आशा वर्कर्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सी एच ओ ने हिस्सा लिया। बाकी गांवो सांधोली, किशनपुरा, राजपुरा, और बरोटीवाला के लोअर बटेड में आईजीडी के स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता श्वेता शर्मा, रीना शर्मा, सुषमा, पिंकी वर्मा और ज्योति धीमान द्वारा महिलाओं को शिशुओं को स्तनपान कराने के फायदे बताए गए और शिशु को जन्म के बाद पहला पीला गाढ़ा दूध मां का पिलाया जाए तो किस तरह भविष्य में विभिन्न रोगों से बचाव के लिए प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है व बड़ा लाभ मिलता है। वहीं इस मौके पर महिलाओं को ये भी बताया गया कि शिशु को दूध कैसे पिलाना चाहिए। इसके आलावा जन्म के बाद शिशु के सही टीकाकरण, स्वास्थ्य देखभाल, पौष्टिक भोजन आदि की जानकारी भी दी गई। ग्लेनमार्क मोबाइल हेल्थ क्लीनिक के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंजली गोयल ने बताया कि इस साल विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम माताओं के लिए एक सक्षम और अनुकूल वातावरण बनाने की जरूरत है, ताकि अपने बच्चो को हस्पताल, घर व कार्यस्थलों पर बिना किसी समस्या के स्तनपान करा सकें, ये भी बताया की जिन नवजात को जीवन के पहले घंटे में स्तनपान कराया जाता है, उनके जीवित रहने की संभावना काफी अधिक होती है।
जन्म के एक घंटे के अंदर बच्चो को पिलाया जाना वाला मां का गाढ़ा पीला दूध, जिसे कोलस्ट्रम भी कहा जाता है, पोषक तत्वों और एंटीबॉडी से भरपूर होता है और वह बच्चे के लिए पहला टीका के तौर पर काम करता है। परियोजना अधिकारी बलजिंदर सिंह ने बताया की ग्लेनमार्क आरसीएच टीकाकरण केन्द्र में सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को निशुल्क शिशु स्वास्थ्य जांच, ग्रोथ मॉनिटरिंग, टीकाकरण, किया जाता है।