आवाज ए हिमाचल
प्रतिनिधि/पालमपुर। हिमाचल किसान सभा एवं जिला सीटू कमेटी की बैठक आज ठाकुरदवारा मारन्डा में सम्पन्न हुई, जिसमें किसान सभा के ज़िला प्रधान डा. एमएस दत्तल, ज़िला उपप्रधान जगदीश जग्गी, ज़िला सचिव सतपाल सिंह, सीटू ज़िला प्रधान केवल कुमार, ज़िला सचिव रविन्द्र कुमार व ज़िला वित सचिव अशोक कटोच शामिल हुए।
बैठक के फैसलों बारे जानकारी देते हुए किसान सभा व सीटू ज़िला कमेटी के नेताओं ने बताया कि 9 अगस्त 2023 को मजदूर किसान की संयुक्त समन्वय समिति के आह्वान पर ज़िला मुख्यालय धर्मशाला में मजदूरों किसानो का प्रदर्शन होगा जिसमें किसान व मजदूरों से जुडी मागें उठाई जाएंगी।
मजदूर नेता अशोक कटोच ने बताया कि प्रदर्शन के माध्यम से मांग की जाएगी कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार ने श्रम कानूनों को खत्म करके बनाई चार श्रम संहितायों (लेबर कोड) को रद्द किया जाए, किसानों को अपनी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी हो व कृषि क्षेत्र के लिए स्वामी नाथन कमीशन की सारी सिफारिशों को अक्षरश: लागू किया जाए। वर्तमान जीवनयापन सूचकांक के आधार पर राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन 26000 रू प्रति माह घोषित किया जाए। सरकारी काँट्रेक्ट, पार्ट टाईम मल्टी पर्पज़, मल्टी टास्क, टेंपरेरी, कैजुअल, फिक्स टर्म, ठेकेदारी प्रथा व आऊट सोर्स प्रणाली को खत्म करके मजदुरों को स्थाई रोजगार दिया जाए। आंगनबाड़ी वर्कर हेल्पर मिड डे मील वर्कर तथा आशा वर्कर को पक्का करके सरकारी कर्मचारी घोषित करके पेंशन सहित सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले सारे लाभ दिए जाएं। मोटर व्हीकल एक्ट में परिवहन मजदूर व मालिक विरोधी वदलाब वापिस लिए जाएं। महंगाई को रोकने के लिए कदम उठाए जाएं। सार्वजनिक क्षेत्र का निजिकरण रोका जाए।
उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को 200 दिन के रोजगार की गारंटी हो तथा दिहाड़ी 375 रुपए दी जाए। निर्मांण मजदूरों का श्रमिक कल्यांण बोर्ड में पंजीकरण व आर्थिक लाभ बहाल किए जाएं। रेडी-फड़ी वालों के लाभ के लिए बना स्ट्रीट वैण्डरज़ एकट सख्ती से लागू किया जाए। बिजली बोर्ड व अन्य बोर्डों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की जाए। बैठक में मांग की गई कि हाल ही में किसानों की फसलों को हुई क्षति के लिए किसानों को सरकार तत्काल नकद मुआवजा दे और जिनके घरों को क्षति हुई है उनके लिए भी सरकार उचित मुआवज़े की व्यवस्था करे।