मुन्शी प्रेमचंद की कहानियां हर व्यक्ति के लिए प्रेरणास्त्रोत: बेक्टा

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:- आर्या कॉलेज नूरपुर में याद किए गए उपन्यास सम्राट, कहानियों पर हुआ वाचन
:- कांगड़ा कला संगम के सौजन्य से कार्यक्रम आयोजित

 

आवाज ए हिमाचल 

नूरपुर। मुन्शी प्रेमचंद की कहानियां हर व्यक्ति के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। यह बात उपमंडल अधिकारी देहरा शिल्पी बेक्टा ने कही। शनिवार को आर्या कॉलेज नूरपुर में कांगड़ा कला संगम के सौजन्य से मुन्शी प्रेमचंद जी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए उन्होंने प्रेमचंद जी की कहानियों एवं रचनाओं पर अपने विचार भी प्रकट किए। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद जी का साहित्य जनसाधारण की भावनाओं से जुड़ा है। कार्यक्रम के दौरान साहित्यकार कपिल मेहरा ने मुन्शी प्रेमचंद कथा विषय पत्र वाचन किया। वहीं, सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी एवं विशेष अतिथि प्रभात शर्मा ने नई कहानी की खोज विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने कहानी लेखन के संदर्भ में आधुनिक लेखन की विधियों पर चर्चा की। सेवानिवृत आचार्य डॉ जुगल डोगरा ने नई कहानी विषय पर परिचर्चा कर कहानी लेखन के अहम बिंदुओं पर विचार प्रकट किए। इसके साथ ही कांगड़ा कला संगम के महासचिव एवं साहित्यकार व दार्शनिक पंकज दर्शी ने आधुनिक समाज में कहानी की जरूरत से जुड़े उन तमाम तथ्यों को उजागर किया जिससे हमारा सामाजिक परिवेश सीधे तौर से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि कहानी एवं उपन्यास के माध्यम से जिस प्रकार मुन्शी प्रेमचंद जी ने जनसाधारण की भावनाओं, उनकी समस्याओं और समाधान पर प्रस्तुति दी है, इसी तर्ज पर हर साहित्यकार एवं लेखक को अपनी लेखनी बनानी चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान मंच संचालक एवं साहित्यकार एवं लेखिका प्रतिभा शर्मा ने भी अपनी कविता के माध्यम से मां का दर्द बयां किया। वहीं, उन्होंने सह आचार्या डॉ नेहा मिश्रा का प्रेमचंद पर आधारित पत्र लेखन भी पढ़कर सुनाया। वहीं, लोक गायिका दलजीत संधु ने पहाड़ी लोकगीत एवं गजल सुनाकर कार्यक्रम की शान बढ़ाई। ढोलक वादक संदीप मिंटू ने भी उनका पूरा साथ निभाया। कवि सलामूदीन ने जोश भरेे अंदाज में कविता पेश कर समाज की स्थिति पर राय प्रकट की। लोक गायक किशोर धीमान के पहाड़ी गीत पहाड़े जो जाणा ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

युवा साहित्यकार वरूण शर्मा ने मुन्शी प्रेमचंद जी की कहानियों पर अपनी कविता के माध्यम से प्रस्तुति दी। इस मौके पर कांगड़ा कला संगम के प्रधान एवं साहित्यकार शंकर सन्याल, कवि शिव सन्याल, उपप्रधान नीलम शर्मा, कवि जतिंद्र शर्मा ने भी अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं का मनोरंजन किया।

 

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