मणिपुर पुलिस के कमांडो पर आरोप
आवाज़ ए हिमाचल
मणिपुर। 19 जुलाई को मणिपुर से वीडियो वायरल हुआ, इसमें दो महिलाओं को भीड़ निर्वस्त्र कर घुमा रही थी। एक पीड़िता के साथ गैंगरेप भी किया गया, लेकिन क्या आपने मणिपुर से ही वायरल हुआ डेविड का वीडियो देखा है? वीडियो में बांस पर एक कटा सिर लटका है। चेहरा फटा है, आंखें निकली हुई हैं, लेकिन वीडियो बनाने वाले खुश हैं। मैतेई भाषा में बात कर रहे हैं। कटा हुआ ये सिर 31 साल के डेविड थीक का है, वो कुकी था। मामले की छानबीन के लिए हमने डेविड के परिवार को ढूंढना शुरू किया। इसके लिए हम चुराचांदपुर पहुंचे। वहां के रिलीफ कैंपों में वीडियो दिखाया। आखिर में चुराचांदपुर से करीब 5 किमी दूर एक रिलीफ कैंप तक पहुंचे, जहां डेविड का परिवार मिल गया। रिलीफ कैंप में हमारी मुलाकात डेविड के अंकल बुऑनखावलेन, आंटी ललियानी और दोस्त मोइपुन से हुई। डेविड के अंकल बताते हैं, ‘हम लोग चुराचांदपुर के चिंगलंगमेल गांव में रहते थे। 3 मई को हुई हिंसा के बाद से ही विष्णुपुर और चुराचांदपुर के बीच बॉर्डर बन गया था। घाटी में मैतेई और पहाड़ों पर कुकी ने बंकर बना लिए थे। विलेज डिफेंस कमेटी बनाकर अपने-अपने इलाके की सुरक्षा कर रहे हैं। डेविड भी चिंगलंगमेल गांव की डिफेंस फोर्स में था।’ डेविड के दोस्त 39 साल के मोइपुन बताते हैं, ‘2 जुलाई को सुबह करीब 4 बजे का वक्त था। सूरज नहीं निकला था, लेकिन रोशनी थी। मणिपुर में 4:30 AM के आसपास सनराइज हो जाता है। गांव की विलेज डिफेंस टीम रातभर निगरानी करके थक चुकी थी। डेविड भी वॉलंटियर था। वो राइफल लेकर रात भर बंकर में तैनात था। हम घर लौटे ही थे कि मणिपुर पुलिस कमांडो और इंडियन रिजर्व बटालियन यानी IRB की करीब 20 गाड़ियां गांव में दाखिल हुईं। उनके साथ आरामबाई टेंगोल और मैतेई लिपुन के लोग भी थे। वो पहले से डेविड को ही ढूंढ रहे थे, चिल्ला रहे थे- डेविड कहां है, बाहर निकलो। आरामबाई टेंगोल और मैतेई लिपुन के लोग घरों पर फायरिंग और तोड़-फोड़ करने लगे।’
मोइपुन आगे बताते हैं, ‘मैं घबरा गया और जान बचने के लिए पास की झाड़ियों में छिप गया। इतने में ही डेविड घर से बाहर आ गया। मैतेई लोगों ने उसे देखा और पकड़ लिया। पहले उन्होंने डेविड को खूब पीटा और फिर उसे गोली मार दी। उसे गाड़ी से कुचला। वे इतने में भी नहीं माने, उन्होंने उसका सिर काट दिया।’